Sunday, August 17, 2025
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सीजेआई भूषण गवई ने बॉम्बे उच्च न्यायालय की कोल्हापुर सर्किट बेंच का किया उद्घाटन, ऐतिहासिक भवन में शुरू हुआ कोल्हापुर सर्किट बेंच का कार्य

कोल्हापुर। मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने रविवार को बॉम्बे उच्च न्यायालय की कोल्हापुर सर्किट बेंच भवन का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस ऐतिहासिक समारोह में सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री एवं कोल्हापुर के पालक मंत्री प्रकाश अबिटकर, राज्य नियोजन मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश क्षीरसागर, सांसद शाहू महाराज छत्रपति, सांसद धैर्यशील माने, न्यायमूर्ति चंद्रशेखर, सर्किट बेंच के लिए नियुक्त न्यायमूर्ति मकरंद कार्णिक, न्यायमूर्ति शिवकुमार दिघे, न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख, न्यायमूर्ति एस.जी. चपलगांवकर, न्यायमूर्ति भारती डांगरे, कोल्हापुर जिला पालक न्यायाधीश मनीष पितले, न्यायमूर्ति अनिल किलोर, विधायक चंद्रदीप नारके, विधायक शिवाजी पाटिल, जिला कलेक्टर अमोल येडगे, मनपा आयुक्त के. मंजुलक्ष्मी, विशेष पुलिस महानिरीक्षक सुनील फुलारी, लोक निर्माण विभाग के पुणे विभाग के मुख्य अभियंता अतुल चव्हाण, वरिष्ठ संपादक एवं पद्मश्री डॉ. प्रतापसिंह जाधव सहित विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्यजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में पुलिस बल द्वारा मुख्य अतिथियों और गणमान्यों को गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। इसके पश्चात अतिथियों ने सर्किट बेंच भवन परिसर का निरीक्षण किया। राज्य सरकार ने इस भवन के लिए 46 करोड़ रुपये की निधि स्वीकृत की है। जिला प्रशासन, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग और पुलिस विभाग के समन्वय से भवन एवं परिसर का जीर्णोद्धार किया गया है। सीपीआर के सामने स्थित यह भवन मूल रूप से वर्ष 1874 में जिला न्यायालय के लिए निर्मित हुआ था और लगभग 4200 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला है। कस्बा बावड़ा में नए जिला न्यायालय भवन के निर्माण और स्थानांतरण के बाद यह भवन लंबे समय तक बंद रहा था। हालांकि, कुछ इमारतों का उपयोग पारिवारिक न्यायालय के कार्य हेतु किया जाता रहा। अब इस ऐतिहासिक भवन का कम समय में जीर्णोद्धार कर बॉम्बे उच्च न्यायालय की कोल्हापुर सर्किट बेंच को यहां कार्यरत किया गया है। न्याय प्रशासन की गवाह इन विरासत इमारतों को इस सर्किट बेंच के माध्यम से नया जीवन मिल सका है, जो कोल्हापुर और आसपास के जिलों के न्यायिक तंत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

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