
सामाजिक क्षेत्र वार रूम की योजनाओं की समीक्षा बैठक संपन्न
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में आम आदमी के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से चल रही विभिन्न योजनाओं, अभियानों और पहलों की समीक्षा की और उनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इन योजनाओं का उद्देश्य केवल विकास को गति देना नहीं, बल्कि आम नागरिकों के जीवन में ठोस और सकारात्मक बदलाव लाना है। शुक्रवार को सह्याद्रि अतिथि गृह में आयोजित इस बैठक में सामाजिक क्षेत्र के वॉररूम की योजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री आदि दिति तटकरे, लोक स्वास्थ्य राज्य मंत्री मेघना साकोरे-बोर्डिकर और मुख्य सचिव राजेश कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। अमृत 2.0 मिशन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति, स्वच्छता, हरित उद्यानों और झीलों के पुनरोद्धार के लिए केंद्र सरकार के अमृत मिशन के तहत पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि मिशन के अंतर्गत लंबित सभी कार्यों को 31 मार्च 2026 से पहले मिशन मोड पर पूरा किया जाए। इसके लिए प्रशासनिक स्वीकृतियों को तुरंत मंजूरी दी जाए और स्थानीय स्वशासन निकायों की भागीदारी नियमानुसार सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी से बचने के लिए निर्माण स्थलों की सभी आवश्यक अनुमति पहले से प्राप्त कर ली जाए। चरणबद्ध कार्यों में पहले चरण को समय पर शुरू और पूरा करने के बाद ही अगले चरण की अनुमति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ के कार्य को भी शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए, ताकि शहरी क्षेत्रों के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं तक सरल पहुंच मिल सके।
बैठक में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को चिकित्सा क्षेत्र में वर्तमान और भविष्य की मानवशक्ति का आकलन करने के निर्देश दिए गए। पैरामेडिकल क्षेत्र में मानवशक्ति की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्सिंग कॉलेजों को अनुमति तभी दी जाए जब उनके पास सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे की सुविधाएं हों। साथ ही, स्वास्थ्य क्षेत्र में त्वरित मानवशक्ति उपलब्ध कराने के लिए एक स्पष्ट नीति तैयार की जाए।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल कल्याण विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने विभाग को लंबित लाभार्थियों की समीक्षा कर शीघ्र लाभ प्रदान करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत स्वीकृत कार्यों के लिए ‘राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र’ से लंबित अनुमतियों को भी तुरंत प्राप्त करने पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री फडणवीस ने ‘भीष्म क्यूब’ आपातकालीन स्थितियों में उपयोग होने वाले अस्थायी अस्पताल की नियमित निगरानी के निर्देश भी दिए। इस बैठक में अमृत 2.0 मिशन, 15वें वित्त आयोग द्वारा वित्तपोषित बुनियादी ढांचा स्वास्थ्य सुविधा, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा मिशन जैसी योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) ओ.पी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव (योजना) राजगोपाल देवड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) विकास खड़गे, अतिरिक्त मुख्य सचिव (जल संसाधन) दीपक कपूर, अतिरिक्त मुख्य सचिव (सार्वजनिक निर्माण) मनीषा म्हैसकर, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) मिलिंद म्हैसकर, प्रमुख सचिव (ग्रामीण विकास) एकनाथ दावले, प्रमुख सचिव (महिला एवं बाल विकास) डॉ. अनूप कुमार यादव, सचिव (सार्वजनिक स्वास्थ्य) डॉ. विनायक निपुण, स्वास्थ्य सेवा आयुक्त कादंबरी बलकवड़े सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।