
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में लागू नए आपराधिक कानूनों का उपयोग अपराध प्रमाण और त्वरित न्याय सुनिश्चित करने में प्रभावी रूप से किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इन कानूनों के हर पहलू के क्रियान्वयन में महाराष्ट्र को देश में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। वर्षा निवास पर शुक्रवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि अपराधों की जांच तेज गति से पूरी करने और आरोपियों को शीघ्र सजा दिलाने के लिए आधुनिक तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक एफआईआर, सीसीटीएनएस प्रणाली और ई-साक्ष्य जैसी पहलें कानून व्यवस्था को सुदृढ़ कर रही हैं। बैठक में गृह राज्य मंत्री (ग्रामीण) डॉ. पंकज भोयर, गृह राज्य मंत्री (शहरी) योगेश कदम, मुख्य सचिव राजेश कुमार, अपर मुख्य सचिव (गृह) इकबाल सिंह चहल, पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला, बृहन्मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध होने के बाद, एफआईआर दर्ज होने से लेकर आरोप पत्र दाखिल करने तक की प्रक्रिया को इलेक्ट्रॉनिक रूप से जोड़ा जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि आरोप सिद्ध होने के 60 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने की दर बढ़ाने के लिए स्वतंत्र अधिकारी की नियुक्ति की जाए और विभागीय स्तर पर इसकी नियमित समीक्षा की जाए। फडणवीस ने कहा कि नागपुर और अमरावती में जेल प्रशासन के लिए अलग-अलग विभाग बनाए जाएं और नागपुर तथा वर्धा में नई जेलों के निर्माण का प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत किया जाए। ठाणे में निर्माणाधीन जेल की प्रगति की भी समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि नागरिकों को अपराध दर्ज होने के बाद उनके मामलों की स्थिति की जानकारी एसएमएस के माध्यम से दी जाए। साथ ही सभी पुलिस एजेंसियों को नए कानूनों के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जाए और समय-समय पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि अपराध जांच को सशक्त बनाने के लिए न्यायिक और तकनीकी विभागों की मोबाइल फॉरेंसिक वैन का उपयोग किया जाए। राज्य में कुल 251 वैन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
राज्य में नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की वर्तमान स्थिति
राज्य में अब तक 2,00,884 पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी प्रशिक्षित किए जा चुके हैं। 2,148 न्यायालय कक्षों और 60 कारागारों में टेलीकॉन्फ्रेंसिंग प्रणाली स्थापित है। नागरिकों को घर बैठे शिकायत दर्ज कराने के लिए ई-एफआईआर सुविधा उपलब्ध है। 1 जुलाई 2024 से 30 सितंबर 2025 के बीच 958 ई-एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसके अतिरिक्त, “जीरो एफआईआर” सुविधा के तहत जुलाई से अब तक 12,398 शिकायतें दर्ज की गई हैं। 1 सितंबर 2024 से 30 सितंबर 2025 की अवधि में कुल 1,34,131 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें 2,871 एफआईआर अन्य राज्यों से संबंधित हैं। नए आपराधिक कानूनों के तहत 30 सितंबर 2025 तक 60 दिनों के भीतर सभी 1,34,131 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि इस प्रक्रिया के सफल क्रियान्वयन से महाराष्ट्र न केवल विधि व्यवस्था के क्षेत्र में बल्कि डिजिटल न्याय प्रणाली में भी देश के लिए एक मॉडल के रूप में उभरेगा।




