
नागपुर। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने रविवार को साइबर अपराध से निपटने के लिए राज्य द्वारा बनाई गई गतिशील साइबर प्लेटफॉर्म की सफलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस प्लेटफॉर्म ने अल्प अवधि में सैकड़ों करोड़ रुपये की बचत की है और यह एक मॉडल बन चुका है, जिसे अन्य राज्य भी अपनाने के इच्छुक हैं। नागपुर में साइबरहैक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र ने एक अत्याधुनिक साइबर प्लेटफॉर्म बनाया है, जो बैंकों, एनबीएफसी और सोशल मीडिया प्रदाताओं सहित सभी प्रमुख हितधारकों को जोड़ता है। इस प्लेटफॉर्म पर दुनिया के नवीनतम विचारों के लिए लाइसेंस प्राप्त किए गए हैं और अन्य राज्य अब इसे अपनाने के लिए संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमने इस प्लेटफॉर्म को स्थापित कर साइबर खतरों पर नज़र रखना शुरू कर दिया है और इससे पहले ही सैकड़ों करोड़ रुपये की बचत हुई है। फडणवीस ने यह भी बताया कि यह प्लेटफॉर्म केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है और इसका उद्देश्य साइबर अपराध की तेजी से विकसित होती दुनिया में प्रौद्योगिकी-संचालित समाधान प्रस्तुत करना है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग कर अपराधी आम लोगों को निशाना बना रहे हैं और इस पर काबू पाने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है। उन्होंने फर्जी पहचान, वीपीएन के जरिए कॉल करने, और आवाज में हेरफेर जैसी साइबर अपराधी तकनीकों का हवाला दिया और कहा कि भविष्य के साइबर अपराधों से निपटने के लिए नई तकनीकों की मदद ली जाएगी।इसके अलावा, फडणवीस ने स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए राज्य द्वारा स्थापित कोष का जिक्र किया और बताया कि 300 से अधिक स्टार्टअप्स ने इस पहल का लाभ उठाया है, जिनमें मुख्य रूप से रक्षा नवाचार से जुड़े स्टार्टअप्स शामिल हैं। उन्होंने कहा, “संख्या और निवेश के मामले में महाराष्ट्र स्टार्टअप की राजधानी बन चुका है,” यह जानकारी हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट से सामने आई है। फडणवीस का यह बयान राज्य के साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में नवाचार और प्रौद्योगिकी के महत्व को उजागर करता है, और यह महाराष्ट्र की आधुनिकतम साइबर सुरक्षा मॉडल की दिशा में किए गए प्रयासों की सफलता को दर्शाता है।