
मुंबई। महिला शतरंज विश्व कप में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर भारत को गौरवान्वित करने वाली ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य की ओर से हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की पहली महिला ग्रैंडमास्टर और अब विश्व चैंपियन के रूप में दिव्या ने राज्य और देश दोनों का नाम अंतर्राष्ट्रीय शतरंज पटल पर स्वर्ण अक्षरों में अंकित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने उपविजेता ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी को भी उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी और कहा कि इन दोनों भारतीय खिलाड़ियों की शतरंज की चालों ने दुनिया भर के दर्शकों का ध्यान खींचा है, जो भारतीय शतरंज के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है।
दिव्या देशमुख– भारतीय शतरंज का नया सितारा
मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपने संदेश में उल्लेख किया कि दिव्या ने अपने दूसरे प्रयास में महिला विश्व कप जीतकर भारतीय रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने न केवल विश्व खिताब जीता, बल्कि महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली किशोर भारतीय खिलाड़ी बनकर इतिहास रच दिया है। साथ ही, वह भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बनी हैं। अब तक दिव्या ने 40 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 23 स्वर्ण, 7 रजत और 5 कांस्य सहित कुल 35 पदक अर्जित किए हैं, जो उनकी असाधारण प्रतिभा और परिश्रम का प्रमाण है।
भारत की दो बेटियों ने रचा इतिहास
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व चैंपियनशिप का फाइनल दो भारतीय खिलाड़ियों के बीच खेला जाना अपने-आप में एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक क्षण है। उन्होंने कहा, “दिव्या और हम्पी की अपराजेय चालों ने भारतीय महिला शतरंज को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। यह सफलता युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा है।
परिवार, कोच और टीम को भी बधाई
मुख्यमंत्री ने दिव्या की सफलता के पीछे उनके परिवार, कोच और मार्गदर्शकों के योगदान को भी सराहा और कहा, देशमुख परिवार, विशेषकर उनके माता-पिता और प्रशिक्षकों ने जिस समर्पण के साथ दिव्या का साथ दिया है, वह प्रशंसनीय है। अपने संदेश के अंत में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी भारत का नाम रोशन करेंगी। मैं उन्हें इस यात्रा के लिए शुभकामनाएँ देता हूँ। उनकी यह ऐतिहासिक जीत महाराष्ट्र के खेल इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज की जाएगी।