
गडचिरोली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित नक्सल प्रभावित अतिदुर्गम कवंडे गांव का दौरा कर इतिहास रच दिया। यह पहली बार है जब किसी मुख्यमंत्री ने इस दूरस्थ क्षेत्र तक पहुँच बनाई। इस दौरान 12 कुख्यात नक्सलियों ने करोड़ों के इनाम के साथ हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया, जो राज्य के इतिहास में हथियारों सहित पहला सामूहिक आत्मसमर्पण है। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में पहले से आत्मसमर्पण कर चुके 13 पूर्व नक्सलियों का सामूहिक विवाह भी संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री ने नवदंपत्तियों को नई शुरुआत के लिए शुभकामनाएं दीं और उन्हें संविधान की प्रति भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा, कवांडे छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र में प्रवेश करने पर सबसे पहला गांव है। पास में अबूझमाड़ का घना जंगल है, जहाँ प्रशासन की पहुँच लगभग असंभव थी। अब यहां पुलिस की उपस्थिति ने न केवल सुरक्षा स्थापित की है, बल्कि 4जी कनेक्टिविटी से लेकर सरकारी योजनाओं तक की पहुंच सुनिश्चित की है। इससे स्थानीय लोगों का राज्य पर भरोसा बढ़ा है। उन्होंने बताया कि चौकी की मदद से क्षेत्र में शासन-प्रशासन की भागीदारी मजबूत हुई है और नक्सलियों का दबदबा टूट रहा है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट रूप से कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भारत सरकार ने मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद मुक्त करने का संकल्प लिया है। महाराष्ट्र इस लक्ष्य की दिशा में अंतिम चरण में है। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की हालिया कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि अब वहां भी माओवादी नेटवर्क को तोड़ा जा रहा है। अब हम पूरे क्षेत्र में सुरक्षा की कमी को दूर कर रहे हैं और पुलिस का दबदबा स्थायी रूप से स्थापित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि जैसे-जैसे जंगलों से नक्सलवाद खत्म होगा, वैसे-वैसे “शहरी माओवादी” सक्रिय होंगे। ये शहरी माओवादी देश की संस्थाओं को बदनाम कर लोगों का भरोसा तोड़ना चाहते हैं। वे अराजकता फैलाकर लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करने का प्रयास करते हैं। हमारी लड़ाई केवल जंगल में नहीं, बल्कि शहरों में छिपे इन विचारधारात्मक नक्सलियों से भी है।
सी-60 कमांडों को सम्मान, नई हथियार सौंपे गए
मुख्यमंत्री फडणवीस ने वीर सी-60 कमांडों का सत्कार करते हुए उन्हें अत्याधुनिक एके -103 राइफल, ASMI पिस्तौलें और बुलेटप्रूफ जैकेट्स सौंपीं। उन्होंने कहा कि “पुलिस बल की वजह से नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई अब अंतिम चरण में है। कवंडे जैसे अत्यंत दुर्गम स्थान पर मात्र 24 घंटे में पुलिस चौकी की स्थापना अद्वितीय है।
कोरमा नाले पर पुल का निरीक्षण
मुख्यमंत्री ने कोरमा नाले पर बन रहे 120 मीटर लंबे पुल का ड्रोन के माध्यम से निरीक्षण किया। यह पुल गडचिरोली और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाला राज्यमार्ग 380 पर स्थित है और इसके लिए 10.70 करोड़ रुपये की तकनीकी मंजूरी मिल चुकी है। पुल के निर्माण से गडचिरोली के अंतिम छोर तक शासन और विकास की पहुँच आसान होगी। मुख्यमंत्री फडणवीस की यह यात्रा न केवल नक्सल उन्मूलन की दिशा में निर्णायक मोड़ है, बल्कि राज्य सरकार के प्रतिबद्ध विकास और पुनर्वास नीति का प्रमाण भी है। यह दौरा गडचिरोली को भय और पिछड़ेपन से निकालकर सुरक्षा, समावेशन और समृद्धि की ओर अग्रसर करने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।