
भिवंडी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को ठाणे जिले के भिवंडी के माराडेपाड़ा में भव्य छत्रपति शिवाजी महाराज मंदिर का उद्घाटन किया। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस शुभ अवसर को शिवाजी जयंती के दिन आयोजित किया गया, जिससे यह कार्यक्रम और भी खास बन गया।
उद्घाटन समारोह में जुटे कई गणमान्य व्यक्ति
इस ऐतिहासिक समारोह में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री कपिल पाटिल, विधायक किसन कथोरे सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान धार्मिक अनुष्ठान, ऐतिहासिक प्रदर्शनियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें शिवाजी महाराज की गौरवशाली विरासत का उत्सव मनाया गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने सोशल मीडिया पर इस कार्यक्रम की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज शिवक्षेत्र मराडेपाड़ा, भिवंडी में ‘श्री छत्रपति शिवाजी महाराज मंदिर (शक्तिपीठ) परिसर’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल पाटिल, विधायक किसन कथोरे और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
फडणवीस ने शिवाजी महाराज की विरासत पर डाली रोशनी
एकत्रित जनसमूह को संबोधित करते हुए फडणवीस ने छत्रपति शिवाजी महाराज की धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में निभाई गई भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिवाजी महाराज के दर्शन के महत्व की तुलना भगवान राम के संबंध में भगवान हनुमान के दर्शन से की। उन्होंने कहा जिस तरह भगवान राम से पहले भगवान हनुमान का आशीर्वाद लेना जरूरी है, उसी तरह छत्रपति शिवाजी महाराज के दर्शन के बिना पूजा का पूरा लाभ नहीं मिल सकता। मंदिर निर्माण के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए फडणवीस ने कहा शिवाजी महाराज की वजह से ही आज हम अपने देवताओं की स्वतंत्र रूप से पूजा कर सकते हैं। उन्होंने हमारी आस्था की रक्षा के लिए कई लड़ाइयाँ लड़ीं, यह सुनिश्चित किया कि हमारे देवता और मंदिर बरकरार रहें। फडणवीस की टिप्पणियों ने हिंदू संस्कृति और परंपराओं के रक्षक के रूप में शिवाजी महाराज की विरासत को रेखांकित किया।
आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व
महाराष्ट्र के महानतम योद्धाओं में से एक को समर्पित यह नया मंदिर भिवंडी में एक प्रमुख आध्यात्मिक और ऐतिहासिक स्थल बनने की उम्मीद है। यह श्रद्धालुओं और इतिहास प्रेमियों को समान रूप से आकर्षित करेगा, जो शिवाजी महाराज के साहस, नेतृत्व और सांस्कृतिक संरक्षण की विरासत को समझने और महसूस करने के लिए यहां आएंगे। शिवाजी महाराज के सम्मान में इस मंदिर का निर्माण न केवल उनकी वीरता और आदर्शों की याद दिलाएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को उनकी महानता से प्रेरित होने का अवसर भी देगा।