
मुंबई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी, मुंबई) के एक अधीक्षक, एक वकील और दो निजी फर्मों के खिलाफ जीएसटी खुफिया अधिकारी को रिश्वत की पेशकश करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। यह मामला जीएसटी चोरी और ऑनलाइन सट्टेबाजी वेबसाइटों से जुड़े गैर-अनुपालन की जांच के दौरान सामने आया। जानकारी के अनुसार, जीएसटी खुफिया महानिदेशालय, दुर्गापुर के अधिकारी विवेक प्रताप सिंह ने 28 अगस्त को शिकायत दर्ज कराई थी। सिंह को जीएसटी चोरी से संबंधित एक फाइल मिली थी, जिसमें तीन ऑफशोर ऑनलाइन सट्टेबाजी वेबसाइटों के लिंक और उनसे जुड़ी एक निजी फर्म की यूपीआई आईडी मिली। जांच के दौरान 14 अगस्त को एक महिला, जिसने खुद को फर्म की वकील बताया, ने सिंह से मामले को निपटाने के लिए मिलने का प्रस्ताव रखा। 15 अगस्त को एक व्यक्ति, जिसने खुद को जीएसटी अधीक्षक बताया, ने भी जांच की जानकारी मांगी। इसके बाद 17, 22 और 26 अगस्त को अधिकारी ने सिंह को फोन कर जांच के निपटारे के लिए 1 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की। सिंह ने रिश्वत लेने से इनकार कर मामले की जानकारी सीबीआई को दी। सीबीआई ने जाल बिछाकर दो निजी व्यक्तियों को 22 लाख रुपये की रिश्वत देते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। एजेंसी ने पुष्टि की कि यह पेशकश वकील की मौजूदगी में की गई थी और रिश्वत नई दिल्ली में देने की योजना थी।