
मुंबई। भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को सीजीएसटी सांताक्रूज़ डिवीजन के अधीक्षक और निरीक्षक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अधिकारियों पर एक निजी फर्म के लिए अनुकूल रिपोर्ट जारी करने और जीएसटी पंजीकरण की सुविधा प्रदान करने के बदले 25,000 रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान विक्रम (अधीक्षक, सीजीएसटी) और लव कुमार चित्तौड़िया (निरीक्षक, सीजीएसटी) के रूप में हुई है। सीबीआई ने दर्ज प्राथमिकी में उल्लेख किया है कि कपड़ा व्यापार से जुड़ी एक निजी फर्म ने 24 सितंबर 2025 को जीएसटी पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। इसी प्रक्रिया के दौरान दोनों अधिकारियों ने फर्म से अनुचित लाभ की मांग की। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 3 अक्टूबर 2025 को निरीक्षण के दौरान निरीक्षक ने फर्म के प्रतिनिधि से कथित रूप से कहा कि यदि रिश्वत नहीं दी गई, तो जीएसटी पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाएगा। शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने एक ट्रैप ऑपरेशन की योजना बनाई और मंगलवार को सीजीएसटी पश्चिम मुंबई कार्यालय में दोनों अधिकारियों को 25,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। कार्रवाई के बाद सीबीआई की टीम ने दोनों आरोपियों के आवासीय और कार्यालय परिसरों की तलाशी ली, जहाँ से कई दस्तावेज़ और डिजिटल सबूत बरामद किए गए हैं।
गिरफ्तार अधीक्षक और निरीक्षक को बुधवार को मुंबई की सक्षम अदालत में पेश किया गया, जहाँ सीबीआई ने उनकी पुलिस हिरासत की मांग की है। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या आरोपी अधिकारियों ने अन्य फर्मों से भी इसी तरह रिश्वत लेकर जीएसटी पंजीकरण के कार्यों में अनियमितता की थी। यह कार्रवाई सीजीएसटी विभाग में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई की सख्त निगरानी और शून्य-सहनशीलता नीति का हिस्सा बताई जा रही है।




