पुणे। पुणे के सोलापुर जिले के मरकडवाड़ी गांव में “पुनः चुनाव” कराने के प्रयास में एनसीपी(एसपी) नेता उत्तम जानकर सहित 88 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। यह घटना मालशिरस विधानसभा क्षेत्र में हाल ही में संपन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से जुड़ी है। ज्ञात हो कि ग्रामीणों के एक वर्ग ने चुनाव परिणामों को लेकर असंतोष व्यक्त किया और ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से गिने गए वोटों पर संदेह जताया। उन्होंने मतपत्रों के माध्यम से “पुनः चुनाव” कराने की योजना बनाई। इस अनधिकृत मतदान प्रक्रिया को रोकने के लिए पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू की थी। जानकर और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें गैरकानूनी ढंग से एकत्र होने और सरकारी आदेशों की अवहेलना शामिल है। पहले से ही 200 से अधिक लोगों के खिलाफ इस मामले में शिकायत दर्ज की जा चुकी है। मंगलवार सुबह 250-300 ग्रामीण निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर “पुनः चुनाव” के लिए एकत्र हुए और अन्य लोगों को इसमें भाग लेने के लिए उकसाया। उत्तम जानकर ने मालशिरस विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार राम सतपुते को 13,147 मतों से हराया था। हालांकि, मरकडवाड़ी के ग्रामीणों ने दावा किया कि जानकर को सतपुते के मुकाबले कम वोट मिले, जिससे उन्होंने ईवीएम की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए। पुलिस ने ग्रामीणों को मतपत्रों से “पुनः चुनाव” करने की अनुमति नहीं दी और गैरकानूनी सभा पर प्रतिबंध लगाया। अधिकारियों ने जानकर और ग्रामीणों से चर्चा कर कानूनी प्रावधानों के तहत प्रक्रिया समझाई और मामले की गंभीरता से अवगत कराया। ग्रामीणों ने बाद में अपनी योजना को रद्द कर दिया। सोलापुर जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि चुनावी प्रक्रियाओं को कानूनी ढांचे के भीतर ही चुनौती दी जा सकती है। अधिकारियों ने ग्रामीणों और नेताओं से शांति बनाए रखने और वैधानिक तरीकों से अपनी आपत्तियां दर्ज कराने की अपील की है। इस घटना ने चुनावी प्रक्रिया में ईवीएम की प्रामाणिकता पर सवाल खड़े करते हुए विवाद उत्पन्न किया है और ग्रामीणों की आशंकाओं को शांत करने के लिए प्रशासन की भूमिका को उजागर किया है।