
मुंबई। नागपुर-नागभीड़ के बीच 116.15 किलोमीटर लंबे नैरोगेज रेल मार्ग को ब्रॉडगेज में परिवर्तित करने के लिए महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंगलवार को संशोधित व्यय और राज्य सरकार के हिस्से की मंजूरी दी। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की। निर्णय के अनुसार, राज्य सरकार इस परियोजना में अपना हिस्सा रेल विभाग को 491.05 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी। ग्रामीण इलाकों में रेल परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए चयनित परियोजनाओं की लागत का 40 से 50 प्रतिशत आर्थिक भार राज्य सरकार उठाती है। नैरोगेज रेल मार्ग होने के कारण तेज़ यातायात में बाधा आती थी। ब्रॉडगेज में परिवर्तित होने पर यह मार्ग नागभीड़ से वडसा-देसाईगंज होते हुए गोंदिया और गढ़चिरोली तक विस्तारित होगा। इससे क्षेत्रवासियों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी और नागपुर, गोंदिया, चंद्रपुर और गढ़चिरोली जिलों में रेल नेटवर्क मजबूत होगा। परियोजना से उद्योग और किसानों के विकास को भी लाभ होगा। महाराष्ट्र रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (महारेल) ने इस परियोजना का प्रारंभिक प्रस्ताव 1,400 करोड़ रुपये का रखा था, जिसमें 60 प्रतिशत ऋण और 40 प्रतिशत इक्विटी के आधार पर कार्यान्वयन तय किया गया था। परियोजना अब तक लगभग 80-85 प्रतिशत पूरी हो चुकी है। इसे पूर्ण करने के लिए महारेल ने 2,383 करोड़ रुपये का संशोधित प्रस्ताव तैयार किया है। संशोधित आराखड़े के अनुसार, राज्य सरकार का हिस्सा 20 प्रतिशत से बढ़कर 32.37 प्रतिशत हुआ है, जिसमें कुल 771.05 करोड़ रुपये शामिल हैं। इस राशि में से 280 करोड़ रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं और शेष 491.05 करोड़ रुपये अब मंत्रिमंडल की मंजूरी के साथ परियोजना को प्रदान किए जाएंगे।




