मुंबई। नेपियन सी रोड के व्यवसायी हेमंग शाह को नकली नोट जमा करने के आरोप में आठ साल बाद सत्र न्यायालय से बरी कर दिया गया है। यह मामला नवंबर २०१६ में नोटबंदी के दौरान का है, जब लोगों को बैंकों में पुराने नोट जमा करने का निर्देश दिया गया था। बता दें कि गामदेवी पुलिस थाने में दर्ज मामले के अनुसार, २८ नवंबर २०१६ को एमबी शाह एक्सपोर्ट्स के कर्मचारी ने फर्म के निदेशक हेमंग शाह के खाते में ६० लाख रुपये जमा किए थे। अगले दिन बैंक मैनेजर ने दावा किया कि जमा की गई राशि में कुछ नकली नोट पाए गए थे और इसकी सूचना शाह को दी गई थी। १० जनवरी २०१७ को बैंक मैनेजर ने शाह के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष शाह के खिलाफ कोई ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं कर सका। सत्र न्यायाधीश बीडी शेल्के ने पाया कि महत्वपूर्ण गवाह, जिन्होंने नकली नोट एकत्र किए थे, से पूछताछ नहीं की गई थी। इसके आधार पर अदालत ने यह माना कि अभियुक्त का नकली नोट जमा करने से कोई संबंध नहीं है और शाह को बरी कर दिया गया। यह मामला एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे कानूनी प्रक्रिया में सबूतों की कमी के कारण आठ साल बाद न्यायालय ने व्यवसायी को राहत प्रदान की।