धुले। महाराष्ट्र के धुले और रायगढ़ जिलों में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को एक नया आयाम दिया है। इन कार्रवाइयों में दो प्रमुख मामलों में अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है, जिससे राज्य में सरकारी तंत्र की ईमानदारी पर सवाल खड़े हो गए हैं। धुले जिले में एसीबी ने जिला परिषद कार्यालय की अधीक्षक मीनाक्षी भाऊराव गिरि को गिरफ्तार किया है। उन्होंने सातवें वेतन आयोग के तहत लंबित भुगतान जारी करने के लिए दो विशेष शिक्षकों से दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। एसीबी ने इस शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए मंगलवार को गिरि को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। इस घटना ने सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इस पर प्रकाश डाला है।
रायगढ़ में ग्राम पंचायत के दो कर्मचारी गिरफ्तार
रायगढ़ जिले के अलीबाग के पास कुरुल ग्राम पंचायत के दो कर्मचारियों, श्रीहरि अर्जुन खराट और सुजीत श्याम पाटिल उर्फ पिंट्या, को एसीबी ने 50,000 रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया। इन कर्मचारियों ने शिकायतकर्ता द्वारा बनाए गए घर के मूल्यांकन और मूल्यांकन आदेश जारी करने के लिए यह रिश्वत मांगी थी। एसीबी ने शिकायत के बाद जाल बिछाकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उपाधीक्षक (एसीबी-रायगढ़) शशिकांत पदवे ने इस मामले की पुष्टि की और बताया कि आरोपियों के खिलाफ अलीबाग पुलिस स्टेशन में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।