
नई दिल्ली। भारत की समृद्ध जैविक विरासत के संरक्षण और स्थानीय समुदायों को जैव-संसाधनों के सतत उपयोग से लाभान्वित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) ने महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में जैव विविधता संरक्षण कार्यक्रमों के लिए 1 करोड़ 36 लाख रुपये की निधि जारी की है। इस राशि में से महाराष्ट्र के सतारा जिले के फलटण तालुका स्थित सखरवाड़ी और पुणे जिले के कुंजीरवाड़ी गाँवों को लगभग 45.50 लाख रुपये प्रत्येक प्रदान किए जाएंगे। वहीं उत्तर प्रदेश में एटा जिले के कासगंज क्षेत्र की जैव विविधता प्रबंधन समिति को निधि आवंटित की गई है। एनबीए के अनुसार यह वित्तीय सहायता, राज्य जैव विविधता बोर्डों के माध्यम से जैव विविधता अधिनियम-2002 की धारा 44 तथा संबंधित राज्य नियमों के अंतर्गत वितरित की जा रही है। यह मुआवजा उस व्यावसायिक संगठन द्वारा जैव संसाधनों के उपयोग के एवज में दिया जा रहा है, जिसने मिट्टी और औद्योगिक अपशिष्ट जल से सूक्ष्मजीवों को निष्कर्षित कर प्रीबायोटिक घटक ‘फ्रुक्टो-ओलिगोसेकेराइड्स’ के उत्पादन में प्रयोग किया। एनबीए ने बताया कि यह कदम राष्ट्रीय जैव विविधता कार्य योजना के राष्ट्रीय लक्ष्य-13 तथा कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क के अनुरूप है। इसका उद्देश्य स्थानीय समुदायों को जैव संसाधनों के संरक्षण और सतत उपयोग से आर्थिक लाभ उपलब्ध कराना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस वित्तीय सहायता से ग्रामीण समुदायों में जैव विविधता संरक्षण के नए अवसर सृजित होंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर संरक्षण, आजीविका और सतत विकास को मजबूती मिलेगी।




