
मुंबई। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के ‘एन’ वार्ड प्रशासन ने विक्रोली (पश्चिम) और घाटकोपर (पश्चिम) के पहाड़ी और ढलानदार क्षेत्रों में रहने वाले झुग्गीवासियों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि वे जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर स्वेच्छा से स्थानांतरित हो जाएं, वरना किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा में जान-माल की हानि की पूरी जिम्मेदारी उनकी स्वयं की होगी। यह चेतावनी मुख्य रूप से वर्षा नगर, रामनगर, संजय गांधी नगर, राहुल नगर, गणेश नगर, खंडोबा टेकड़ी, आजाद नगर, सोनिया गांधी नगर, प्रेम नगर और आनंद नगर जैसे अत्यधिक संवेदनशील बस्तियों के लिए जारी की गई है, जहां बरसात के मौसम में भूस्खलन, मिट्टी धंसने, घर ढहने और नालों के उफान पर आने की घटनाएं आम हैं। बीएमसी ने बताया कि पहले भी इन इलाकों में नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन कई निवासी लगातार चेतावनियों को नज़रअंदाज़ कर खतरे के मुहाने पर ही जमे हुए हैं। ‘एन’ वार्ड के सहायक आयुक्त ने सख्त लहजे में कहा है कि ऐसे लोग अब बीएमसी प्रशासन की जिम्मेदारी में नहीं होंगे। मानसून की दस्तक से पहले प्रशासन यह संदेश देना चाहता है कि यदि अब भी लोग नहीं चेते, तो भविष्य में किसी भी हादसे के लिए न तो कोई राहत, न मुआवज़ा, और न ही प्रशासनिक सहानुभूति की उम्मीद रखें। अब सवाल ये है कि क्या जोखिम में जी रहे हजारों झुग्गीवासी इस चेतावनी को गंभीरता से लेंगे या फिर किसी बड़े हादसे का इंतज़ार करेंगे? बीएमसी की यह दो-टूक चेतावनी बताती है कि मौसम से पहले प्रशासन ने अपने हाथ झाड़ लिए हैं।अब जिम्मेदारी जनता की है।