24 विभागों में मिस्ट कैनन प्लांट एवं सड़कों की धुलाई के लिए 100 टैंकर तैनात

मुंबई। मुंबई में जलवायु परिवर्तन और वायु गुणवत्ता में गिरावट के चलते बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने ठोस कदम उठाए हैं। इसके तहत प्रमुख और छोटी सड़कों पर सफाई के लिए संयंत्रों का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है। धूल नियंत्रण के उपायों के तहत, सड़कों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। वर्तमान में 24 प्रशासनिक प्रभागों में ट्रक-माउंटेड फॉग मिस्ट कैनन संयंत्रों के माध्यम से पानी का छिड़काव किया जा रहा है, और सड़कों की धुलाई के लिए 100 टैंकर तैनात किए गए हैं। मुंबई में जलवायु परिवर्तन के कारण वायु की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिससे वायु प्रदूषण में वृद्धि हो रही है। इसे नियंत्रित करने के लिए बीएमसी ने पहले ही दिशानिर्देश और मानक संचालन प्रक्रियाएं लागू कर दी हैं। इसके अलावा, निर्माण स्थलों पर धूल और मलबे से प्रदूषण रोकने के लिए कड़े उपाय किए जा रहे हैं। बिना लाइसेंस या अवैध रूप से संचालित वाहनों और उन वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है जो सुरक्षा के पर्याप्त उपाय नहीं अपनाते। बीएमसी आयुक्त एवं प्रशासक श्री भूषण गगरानी और वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में, प्रशासनिक प्रभागों ने स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार प्रदूषण कम करने के लिए योजनाएं बनाई हैं। निर्माण स्थलों पर नियमित पानी का छिड़काव, स्प्रिंकलर और एंटी-स्मॉग गन का उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। सड़कों पर सफाई के लिए ई-स्वीपर प्रणाली अपनाई गई है। निर्माण स्थलों के निकास बिंदुओं पर वाहन पहियों की धुलाई भी अनिवार्य की गई है। विभिन्न विभागों जैसे पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग, सड़क एवं परिवहन विभाग ने एकजुट होकर वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ठोस कार्रवाई शुरू की है। बीएमसी ने 5,000 लीटर और 9,000 लीटर क्षमता वाले पानी के टैंकरों को सड़कों की सफाई और धूल नियंत्रण के लिए तैनात किया है। इसके साथ ही सार्वजनिक निर्माण स्थलों और खुले क्षेत्रों में नियमित पानी का छिड़काव किया जा रहा है। मुंबई की स्वच्छता और पर्यावरणीय छवि को बनाए रखने के लिए बीएमसी के प्रयासों को निर्माण क्षेत्र के पेशेवरों का भी समर्थन मिल रहा है। निर्माण स्थलों पर स्प्रिंकलर और स्थिर/घूमने वाले एंटी-स्मॉग गन का उपयोग किया जा रहा है, जिससे धूल कणों के फैलाव को रोका जा सके। इन उपायों का उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना और मुंबई को स्वच्छ व पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ महानगर बनाना है।




