
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए में मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर असमंजस गहराता जा रहा है। जहां महागठबंधन में सीट बंटवारे पर सिर फुटव्वल चल रही है, वहीं एनडीए में सीएम पद को लेकर ‘अंतरकलह’ खुलकर सामने आ गई है। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि चुनाव परिणाम आने के बाद एनडीए विधायक मिलकर मुख्यमंत्री तय करेंगे। इस बयान के बाद अब केंद्रीय मंत्री और ‘हम’ पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी ने जेडीयू का समर्थन करते हुए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग कर दी है। मांझी ने कहा, “कभी किसी ने यह नहीं कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा। पहले से यह तय था कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। मेरा मानना है कि बिना दूल्हा का बाराती ठीक नहीं है। अगर हमने उन्हें नेता मान लिया है, तो मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने में क्या दिक्कत है?” उन्होंने आगे कहा, “अगर एनडीए में बैठेंगे तो बहुमत का फैसला ही माना जाएगा, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मेरी राय है कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर देना चाहिए। गौरतलब है कि अमित शाह ने कुछ दिन पहले स्पष्ट किया था कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए चुनाव लड़ेगा, परंतु मुख्यमंत्री का फैसला परिणाम आने के बाद सभी विधायक मिलकर करेंगे। इस बयान के बाद जेडीयू लगातार यह दोहरा रहा है कि ‘25 से 30 फिर से नीतीश’, यानी चुनाव के बाद नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे। बिहार एनडीए में इस बार भाजपा और जेडीयू को 101-101 सीटें मिली हैं। वहीं चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (रामविलास) को 29 सीटें दी गई हैं, जबकि जीतनराम मांझी की ‘हम’ और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 6-6 सीटें मिली हैं। ऐसे में एनडीए के भीतर नेतृत्व को लेकर चल रही यह बहस चुनावी माहौल में नए समीकरण पैदा कर सकती है।