
बीजापुर। बस्तर के बीजापुर जिले में नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। बुधवार, 27 अगस्त 2025 को पूना मारगेम पुनर्वास से पुनर्जीवन अभियान के तहत कुल 30 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें से 20 पर 81 लाख रुपये का इनाम घोषित था। बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली सरकार की नई नक्सल पुनर्वास नीति और नियद नेल्लानार योजना से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में विभिन्न कैडर के सदस्य शामिल हैं। सभी ने उप पुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज कमलोचन कश्यप, बीजापुर एसपी और सीआरपीएफ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण की प्रमुख वजहों में सरकार की पुनर्वास योजना, रोजगार और शिक्षा के अवसर, विकास कार्यों की तेजी, संगठन के भीतर बढ़ती कलह और शोषण, सुरक्षित भविष्य की तलाश तथा सुरक्षा बलों की सक्रियता शामिल है। एसपी ने अन्य माओवादियों से भी अपील की कि वे हिंसा छोड़कर समाज में लौटें और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं। 1 जनवरी 2025 से अब तक बीजापुर जिले में 331 माओवादी गिरफ्तार हुए, 307 ने आत्मसमर्पण किया और 132 नक्सली मारे गए हैं, जबकि 2024 में 834 माओवादी गिरफ्तार हुए थे, 496 ने आत्मसमर्पण किया था और 190 नक्सली मारे गए थे। यह आत्मसमर्पण बस्तर क्षेत्र में शांति स्थापना और विकास को गति देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।