
मुंबई। महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर लगाए गए अनियमितताओं और वोटर लिस्ट में धांधली के आरोपों को लेकर 1 नवंबर को पूरे प्रदेश में विशाल मार्च करने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में रविवार को शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार से उनके निवास पर मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस बैठक में आगामी विरोध मार्च की रूपरेखा पर विशेष चर्चा हुई।
कांग्रेस से भी हुई बातचीत, विपक्ष एकजुट
पत्रकारों से बातचीत में संजय राउत ने बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल, एआईसीसी के राज्य प्रभारी रमेश चेन्निथला और मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ से भी संपर्क किया है, ताकि मार्च को अधिकतम सफल और प्रभावी बनाया जा सके।
मतदाता सूची में धांधली के आरोप, चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
विपक्ष का आरोप है कि वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ी की गई है और चुनाव आयोग भाजपा के साथ सांठगांठ में कार्य कर रहा है। इसी के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट होकर राज्यभर में बड़ा प्रदर्शन करेंगे। इसमें शिवसेना (यूबीटी), महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS), एनसीपी (शरद पवार), कांग्रेस और कई अन्य दल शामिल होंगे।
सत्य की लड़ाई’ बताए जाने वाली यह रैली
बीते शनिवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने शिवतीर्थ स्थित अपने आवास पर आंदोलन की तैयारियों को लेकर अहम बैठक की। उन्होंने कहा कि यह वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़े के खिलाफ सत्य की लड़ाई है। सही मतदाताओं को उनका अधिकार दिलाना आवश्यक है, जो आवाज मुंबई की सड़कों से दिल्ली तक पहुंचनी चाहिए। इस मार्च का राजनीतिक महत्व भी बढ़ गया है क्योंकि लंबे समय बाद दोनों ठाकरे भाई, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे, एक मंच पर दिखाई देंगे। साथ ही शरद पवार मार्च का नेतृत्व करेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को भी इसमें शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया है। रैली मुंबई के मरीन लाइन्स स्थित हिन्दू जिमखाना से दोपहर 1 बजे शुरू होगी और यह आजाद मैदान में सभा के रूप में समाप्त होगी।




