Tuesday, October 14, 2025
Google search engine
HomeCrimeछिंदवाड़ा जहरीले कोल्डरिफ कफ सिरप केस में बड़ी सफलता, आरोपी रंगनाथन गोविंदन...

छिंदवाड़ा जहरीले कोल्डरिफ कफ सिरप केस में बड़ी सफलता, आरोपी रंगनाथन गोविंदन गिरफ्तार

छिंदवाड़ा/ चेन्नई। छिंदवाड़ा के जहरीले कोल्डरिफ कफ सिरप मामले में मध्य प्रदेश पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। जहरीली सिरप के कारण 20 बच्चों की मौत हो चुकी है, और अब इस त्रासदी के मुख्य आरोपी, श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के मालिक जी.रंगनाथन गोविंदन को गिरफ्तार कर लिया गया है। मध्य प्रदेश पुलिस ने चार दिन की गहन खोज और निगरानी के बाद चेन्नई में गुरुवार तड़के 1:30 बजे एक नाटकीय ऑपरेशन के तहत रंगनाथन को हिरासत में लिया। रंगनाथन और उनकी पत्नी घटना उजागर होने के बाद से फरार थे। इस गिरफ्तारी में पुलिस की खुफिया जानकारी और रणनीति निर्णायक साबित हुई।
विशेष जांच दल ने किया चेन्नई में कार्रवाई
चार अक्टूबर को छिंदवाड़ा पुलिस ने श्रीसन फार्मा के खिलाफ हत्या, बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डालने और दवा मिलावट के आरोपों में एफआईआर दर्ज की थी। इसके अगले दिन परासिया के सब-डिविजनल पुलिस ऑफिसर जितेंद्र जाट के नेतृत्व में सात सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) चेन्नई रवाना हुआ। इस दल में महिला अधिकारी, साइबर विशेषज्ञ और ड्रग इंस्पेक्टर शामिल थे, जिन्होंने रंगनाथन की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए उनके वाहनों, बैंक लेनदेन, मोबाइल लोकेशन और निवास की निगरानी की। एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस रंगनाथन तक पहुँची और चेन्नई के कोडंबक्कम इलाके में अशोक नगर अपार्टमेंट में रात 1:30 बजे छापेमारी की। इस छापेमारी में रंगनाथन को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कानचीपुरम में श्रीसन फार्मा की फैक्ट्री पर छापा मारा और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। फैक्ट्री में जंग, गंदगी और गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) प्रमाणन की कमी पाई गई। जांच में यह खुलासा हुआ कि श्रीसन फार्मा 1990 में रजिस्टर्ड थी, लेकिन 2009 में कंपनी को रजिस्ट्री से हटा दिया गया था। इसके बावजूद यह प्रोप्राइटरी ढांचे के तहत अवैध रूप से संचालन कर रही थी और जहरीली दवाओं का निर्माण कर रही थी।
अगले कदम और कार्रवाई: पुलिस अब चेन्नई कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड की मांग कर रही है, ताकि रंगनाथन को छिंदवाड़ा लाकर पूछताछ की जा सके। एसआईटी आपूर्ति श्रृंखला की जांच करेगी, जिसमें रसायन आपूर्तिकर्ता, स्टॉकिस्ट और मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव शामिल हैं। तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी ने फैक्ट्री को सील कर दिया है और सभी उत्पादों को बाजार से वापस मंगाने का आदेश दिया है। मध्य प्रदेश सरकार ने इस घटना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए दो ड्रग इंस्पेक्टरों को निलंबित किया, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के डिप्टी डायरेक्टर को हटाया और ड्रग कंट्रोलर का तबादला किया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़ी निगरानी और कड़े कानून लागू किए जाएंगे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments