
मुंबई। महाराष्ट्र के शहापुर स्थित श्री दंबाकाली मंदिर के पीठाधीश्वर गौरीश गुरुजी ने मांग की है कि औरंगजेब की कब्र को हटाकर उसकी जगह छत्रपति संभाजी महाराज का भव्य स्मारक बनाया जाए। उन्होंने उत्तर प्रदेश में बाबरी मस्जिद हटाकर राम मंदिर बनाए जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार को भी इसी तर्ज पर निर्णय लेना चाहिए। गौरीश गुरुजी ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को इस्लाम स्वीकार न करने के कारण 40 दिनों तक अमानवीय यातनाएं दी थीं। अब तक यह तथ्य केवल इतिहासकारों तक सीमित था, लेकिन ‘छावा’ फिल्म के बाद पूरा देश इस अत्याचार को जान चुका है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म तब तक अधूरी मानी जाएगी जब तक महाराष्ट्र सरकार औरंगजेब की कब्र को हटाने की घोषणा नहीं करती। धर्मगुरु ने कहा कि जिस पवित्र भूमि पर छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज ने हिंदवी स्वराज की नींव रखी, वहां हिंदू विरोधी औरंगजेब की कब्र का अस्तित्व नहीं होना चाहिए। उन्होंने केवल नाम बदलने को पर्याप्त न मानते हुए कहा कि औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर कर देने से ऐतिहासिक अन्याय का बदला नहीं लिया जा सकता, बल्कि उसका नामोनिशान मिटाना आवश्यक है। उन्होंने औरंगजेब व मुगलों के समर्थन को राष्ट्रविरोधी बताते हुए कहा कि ऐसा करने वाला व्यक्ति चाहे कोई भी हो, वह देशद्रोही ही माना जाएगा। उनकी इस मांग के बाद राज्य की राजनीति में नई हलचल मचने की संभावना है।