Tuesday, July 22, 2025
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अजित पवार के जन्मदिन पर 11 एकड़ में कलाकृति, कृषि मंत्री कोकाटे ‘जंगली रम्मी’ विवाद में घिरे

नासिक। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के जन्मदिन को लेकर एक अनूठी और भव्य कलाकृति तैयार की गई है, जो अब राजनीतिक और सार्वजनिक विमर्श का विषय बन गई है। यह कलाकृति नासिक ज़िले के सिन्नर क्षेत्र में 11 एकड़ कृषि भूमि पर तैयार की गई है, जिसमें “जन्मदिन मुबारक दादा!” संदेश और अजित पवार का एक चित्र शामिल है। इस कलाकृति को कृषि मंत्री और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (अजित पवार गुट) के वरिष्ठ नेता माणिकराव कोकाटे की पहल पर तैयार किया गया। जानकारी के अनुसार, कोकाटे ने 22 जुलाई को पवार के जन्मदिन के अवसर पर यह कलात्मक श्रद्धांजलि देने का निर्देश दिया था। कलाकृति को कलाकार मंगेश निपाणिकर और क्षिप्रा मानकर ने तैयार किया, जिन्होंने दो ट्रैक्टरों और एक टीम के साथ मिलकर 6 दिनों तक प्रतिदिन 10 घंटे मेहनत की। हालांकि, यह कलात्मक प्रयास एक और विवाद के बीच सामने आया, जिसमें खुद कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे का नाम है। एनसीपी-एसपी के विधायक रोहित पवार द्वारा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया, जिसमें कोकाटे कथित रूप से अपने मोबाइल फोन पर ‘जंगली रम्मी’ ऑनलाइन गेम खेलते हुए नज़र आए। यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और विपक्ष सहित महायुति गठबंधन के कई नेताओं ने मंत्री के इस व्यवहार की आलोचना की। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जब राज्य सूखे, महंगाई और किसानों की समस्याओं से जूझ रहा है, ऐसे में एक मंत्री का विधानसभा सत्र के दौरान खेल में व्यस्त होना, सरकार की संवेदनशीलता और ज़िम्मेदारी पर सवाल खड़े करता है। वहीं, पवार के जन्मदिन पर की गई भव्य कलाकृति पर भी आलोचना हो रही है, क्योंकि यह कृषि भूमि के उपयोग, श्रम और संसाधनों के संदर्भ में एक “प्रचारात्मक भव्यता” की मिसाल के तौर पर देखी जा रही है। अब सवाल यह है कि क्या एनसीपी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महायुति सरकार इस विवाद पर कोई कार्रवाई करेगी या कोकाटे के विरुद्ध केवल प्रतीकात्मक आलोचना तक ही सीमित रहेगी। फ़िलहाल एनसीपी (अजित पवार गुट) ने मंत्री कोकाटे के भविष्य को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। इस घटना से एक ओर जहां अजित पवार के प्रति नेताओं की निष्ठा का प्रदर्शन दिखता है, वहीं यह भी स्पष्ट होता है कि सार्वजनिक जीवन में “छवि और ज़िम्मेदारी” के बीच संतुलन बनाना अब और अधिक आवश्यक हो गया है।

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