Sunday, March 9, 2025
Google search engine
HomeUncategorizedघमंडी ट्रंप ने लिया यू-टर्न?

घमंडी ट्रंप ने लिया यू-टर्न?

एक कहावत है, “झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए।” ट्रंप, जो “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” का नारा देते हुए कनाडा और मैक्सिको को अमेरिका का एक राज्य बनाना चाहते थे, उन्होंने दोनों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिए थे। इस पर कनाडा ने जवाबी कार्रवाई करने की बात कह भर दी, जिससे अमेरिकी व्यापारियों को नुकसान होना तय था। दूसरे दिन ही यू-टर्न लेते हुए ट्रंप ने अपने टैरिफ वापस लेने का बयान देकर बता दिया कि वे झुक गए। इस पर पूरे अमेरिका में ट्रंप पर थू-थू होने लगी। अमेरिका के एक पत्रकार ने ट्रंप को कायर तक कहा और अमेरिकी इतिहास में पहले राष्ट्रपति ट्रंप हैं, जिन्हें कायर कहा गया। ट्रंप ने यूक्रेन को सहायता देने की बात कहते हुए फ्रांस के पीएम के सामने जब कहा कि यूरोप ने जो धन यूक्रेन को दिया, उन्हें मिल रहा है, तो मैक्रों ने उनका हाथ पकड़ लिया और झूठ बोलने से मना करते हुए कहा कि यूरोप 60 प्रतिशत उधार नहीं, सहायता देता है। हमें हमारा पैसा नहीं मिलता। इस पर ट्रंप चुप हो गए। ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को अकेला छोड़ने, बर्बाद होने और विदूषक तक कह दिया था। घर आए मेहमान को कौन इतनी बेशर्मी से बेइज्जत करता है? आज समूचा यूरोप यूक्रेन के साथ खड़ा है, पुतिन को हमलावर कहता है, जबकि ट्रंप पुतिन के साथ गलबहियां करने में लगे हैं। रूस को उकसा रहे हैं कि तुम यूक्रेन पर हमला कर गुलाम बना लो। जिस दिन ट्रंप यूक्रेन को बेइज्जत करते हैं, उसी दिन अमेरिकी मार्केट में गिरावट शुरू हो जाती है और जैसे ही यूरोपीय राष्ट्र एक होकर यूक्रेन का साथ देने की घोषणा करते हैं, यूरोपीय बाजार ऊपर उठने लगता है। यूरोप पर बाजार का विश्वास बढ़ जाता है। भले ही रूसी राष्ट्रपति समूचे यूरोप पर हमला करने की धमकी देते हों, लेकिन अकेले फ्रांस रूस के परमाणु बमों का मुकाबला करने में सक्षम है। जेलेंस्की का साथ देने का वादा ब्रिटिश प्रधानमंत्री देकर मर्दानगी का परिचय देते हैं। ब्रिटेन भी परमाणु संपन्न राष्ट्र है। अमेरिका भले ही नाटो से हट जाए, लेकिन यूरोप मजबूती से गठबंधन में बना रहेगा और यूक्रेन को युद्ध में सहायता देता रहेगा। फ्रांस ने जर्मनी में अपने परमाणु बम तैनात करने का निश्चय किया है। अमेरिकी दादागिरी को यूरोप का कोई भी देश नहीं मानता, बल्कि मुंहतोड़ जवाब देता है। अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना सरल है। विश्वगुरु और 56 इंच का सीना बताना आसान है, लेकिन दूसरे देश के सामने खड़ा होना मुश्किल होता है। उसके लिए कलेजा होने की जरूरत होती है, आत्मबल जरूरी होता है। मोदी में आत्मबल होता, तो जब ट्रंप भारत-चीन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की उनके मुंह पर धमकी दे रहे थे, तो जवाब क्यों नहीं दिया? जबकि चीनी राजदूत ने अमेरिकी राष्ट्रपति को चैलेंज करते हुए लिखा, “आप टैरिफ युद्ध या ट्रेड वॉर करना चाहें या सचमुच में युद्ध करना चाहें, चीन हमेशा हर तरह का वॉर आपके साथ करने को तैयार है।” जिस नेहरू परिवार और कांग्रेस के खिलाफ वे हमेशा बोलते रहते हैं, चाहे नेहरू रहे हों या शास्त्री, इंदिरा गांधी रही हों या फिर अटल बिहारी वाजपेयी, सभी ने अमेरिका और चीन को बराबरी का जवाब दिया है। आज हमारे विदेश मंत्री चीन से डरते हुए कहते हैं, “चीन महाशक्ति है, भारत उसका मुकाबला कैसे करेगा?” डोकलाम में सैनिक झड़प में हमारे 21 सैनिक मारे गए, लेकिन विश्वगुरु के मुंह से चीन का कभी “च” तक नहीं निकला। 1962 की स्थिति अलग थी, तब आजादी पूर्व भारत का रक्त निचोड़ लिया था ब्रिटिश सरकार ने, लेकिन आज हम इतने कमजोर नहीं हैं कि चीन से डर जाएं। भारत भले आर्थिक और सैनिक शक्ति में चीन से कमजोर हो, लेकिन वैचारिक युद्ध बुद्धि से लड़े जाते हैं। जिस तरह चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति को ललकारा है, क्या हम नहीं ललकार सकते? यूक्रेन बेहद कमजोर राष्ट्र है, ऊपर से रूस हमलावर भी है, लेकिन उसके राष्ट्रपति में इतनी हिम्मत तो है कि अमेरिका जैसे शक्तिशाली राष्ट्र के राष्ट्रपति ट्रंप को जवाब दे सकते हैं, तो हम क्यों नहीं? इसलिए कि हमने आत्मबल खो दिया है। डोनाल्ड ट्रंप कोई बहादुर व्यक्ति नहीं, बल्कि एक व्यापारी हैं। व्यापारियों के विषय में हमारे देश में कहावत है, “बनिया पाई, बकरी भी मारती है।” ट्रंप कोई तोप नहीं हैं कि जिसे चाहें उड़ा दें। वे अंदर से बेहद कमजोर व्यक्ति हैं, जिनमें आत्मशक्ति तो है ही नहीं। तनिक सी जवाबी कार्रवाई की धमकी के तुरंत बाद यू-टर्न लेने वाले ट्रंप का यही असली चेहरा है। सच तो यह है कि अमेरिका शक्तिशाली है, तो हुआ करे, लेकिन जिस दिन भारत, चीन और पाकिस्तान अपने लोगों को वापस बुला लेंगे, अमेरिका की हालत बिन पानी की मछली जैसी हो जाएगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments