
बाल विवाह रोकथाम पर बुंदेलखंड सेवा संस्थान ने चलाया विशेष अभियान
देवेश प्रताप सिंह राठौर
झांसी, उत्तर प्रदेश। मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, झांसी के कार्यालय में सोमवार को एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष श्रीमती कमलेश कच्छल तथा माननीय अपर जिला न्यायाधीश/सचिव श्री शरद कुमार चौधरी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। इस अवसर पर बुंदेलखंड सेवा संस्थान की टीम ने बाल विवाह रोकथाम को लेकर एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया। कार्यक्रम में सभी मध्यस्थ अधिकारी एवं पराविधिक स्वयंसेवक (Para Legal Volunteers) भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान संस्थान के सदस्यों ने उपस्थित जनसमूह से संवाद करते हुए बताया कि बाल विवाह कोई परंपरा नहीं, बल्कि ऐसी सामाजिक गलती है जो एक बच्चे का भविष्य अंधकारमय कर देती है। उन्होंने यह भी कहा कि जब किसी लड़की की शादी कम उम्र में कर दी जाती है, तो वह न तो शिक्षा प्राप्त कर पाती है, न ही अपने जीवन से संबंधित कोई निर्णय ले पाती है। इतनी छोटी उम्र में जिम्मेदारियों का बोझ डाल देना उसके बचपन और सपनों को छीन लेने के समान है। सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि बाल विवाह से लड़कियों का स्वास्थ्य, शिक्षा और आत्मनिर्भरता– तीनों प्रभावित होते हैं। प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि यदि कहीं बाल विवाह की सूचना मिले, तो तुरंत प्रशासन या विधिक सेवा प्राधिकरण को अवगत कराएं। कार्यक्रम के अंत में यह सामूहिक संदेश दिया गया कि बाल विवाह रोकना केवल कानून की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति का नैतिक कर्तव्य है। जब तक हम सब एकजुट होकर आवाज नहीं उठाएंगे, तब तक बदलाव संभव नहीं है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री राजपाल अरोरा, एल.ए.डी.सी. श्री अजितेंद्र तिवारी, श्री आदिल जाफरी (वरिष्ठ सहायक), तथा बुंदेलखंड सेवा संस्थान से श्री अमनदीप और शिवानी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।



