
मुंबई। अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के तहत कार्यरत महाराष्ट्र रिसर्च, डेवलपमेंट एंड ट्रेनिंग एकेडमी (अमृत) संस्था ने वैश्विक स्तर पर राज्य का नाम रोशन किया है। संस्था द्वारा आयोजित ‘अमृत दुर्गोत्सव 2025’ कार्यक्रम को ‘इंसानी हाथों से बनाई गई प्रतिकृतियों का सबसे बड़ा डिजिटल फोटो एल्बम’ श्रेणी में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का खिताब मिला है। इस उपलब्धि के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का आधिकारिक प्रमाणपत्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में भव्य समारोह में सौंपा गया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अतुल सावे तथा अमृत संस्था के प्रबंध निदेशक विजय जोशी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस गौरवशाली उपलब्धि के लिए ‘अमृत’ संस्था को बधाई देते हुए कहा कि महाराष्ट्र की दुर्ग संस्कृति राज्य के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि “अमृत दुर्गोत्सव’ के माध्यम से संस्था ने नई पीढ़ी को अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का प्रेरणादायक कार्य किया है।
‘अमृत दुर्गोत्सव 2025’ के अंतर्गत यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त 12 ऐतिहासिक किलों और दुर्गों की प्रतिकृतियाँ बनाई गई थीं। नागरिकों से अपील की गई थी कि वे इन प्रतिकृतियों के साथ सेल्फी लेकर ‘दुर्गोत्सव’ की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करें। इस पहल को महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि देशभर के विभिन्न राज्यों और विदेशों से भी व्यापक प्रतिसाद मिला। लाखों लोगों ने इस डिजिटल अभियान में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में सहभागी प्रत्येक नागरिक को मुख्यमंत्री फडणवीस के हस्ताक्षर वाला डिजिटल बधाई पत्र भी प्रदान किया गया। यह रिकॉर्ड न केवल महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान दिलाता है, बल्कि डिजिटल माध्यमों से लोकभागीदारी बढ़ाने के राज्य सरकार के नवाचारपूर्ण दृष्टिकोण का भी उदाहरण प्रस्तुत करता है।




