Tuesday, October 14, 2025
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काबुल-पाक सीमा पर तनाव के बीच मुत्तकी ने कहा-अफगानिस्तान अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह एकजुट है

नई दिल्ली। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष का अफगानिस्तान शांतिपूर्ण समाधान चाहता है, लेकिन यदि प्रयास सफल नहीं होते हैं तो उसके पास अन्य विकल्प भी हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका देश किसी भी “बाहरी आक्रमण” का सामना करने के लिए पूरी तरह एकजुट है। यह बयान बृहस्पतिवार को काबुल में पाकिस्तानी हवाई हमले के बाद दोनों पक्षों के बीच फिर से तनाव पैदा होने के संदर्भ में आया। भारत की छह दिवसीय यात्रा पर आए मुत्तकी ने कहा कि कुल मिलाकर स्थिति नियंत्रण में है और अफगानिस्तान अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेगा। पाकिस्तानी कार्रवाई के जवाब में अफगान बलों ने शनिवार रात सीमा पर कई पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर हमला किया। तालिबान के प्रवक्ता ने काबुल में कहा कि अफगान बलों ने कई चौकियों पर कब्जा कर लिया और संघर्ष में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। मुत्तकी ने कहा- अफगानिस्तान इस्लामी अमीरात की नीति सभी समस्याओं को बातचीत के माध्यम से हल करने की है। हम कोई तनाव नहीं चाहते, लेकिन यदि पाकिस्तान ऐसा नहीं चाहता तो हमारे पास अन्य विकल्प हैं। हमें पाकिस्तानी लोगों और नेताओं से कोई समस्या नहीं है, केवल कुछ तत्व माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्तान तालिबान शासन पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाता रहा है। मुत्तकी ने इसे खारिज करते हुए कहा कि अफगानिस्तान अपने क्षेत्र और हवाई क्षेत्र की सुरक्षा बनाए रखेगा। उन्होंने बताया कि रात में जवाबी कार्रवाई की गई जिसमें उद्देश्य हासिल कर लिया गया। मुत्तकी ने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान में सभी लोग और सेनाएं देश की रक्षा के लिए एकजुट हैं। उन्होंने कहा- अफगानिस्तान की विशेषता यह है कि आंतरिक मतभेदों के बावजूद बाहरी हस्तक्षेप के समय सभी एकजुट हो जाते हैं। अफगानिस्तान के कई मित्र देशों, जिनमें कतर और सऊदी अरब शामिल हैं, ने काबुल से संपर्क कर संघर्ष रोकने की अपील की है। मुत्तकी ने कहा, “हमने लड़ाई रोक दी है, स्थिति नियंत्रण में है और बातचीत के दरवाजे खुले हैं। हम पूरे क्षेत्र में शांति चाहते हैं। मुत्तकी ने अफगानिस्तान के इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि देश हमेशा बाहरी ताकतों का मुकाबला करने के लिए दृढ़ रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि सोवियत संघ और बाद में अमेरिका तथा नाटो सैनिक भी हार गए। उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान स्वतंत्र है और अपने पैरों पर खड़ा है। पिछले चार वर्षों में कोई बड़ी घटना नहीं हुई और देश में सभी लोग इस्लामिक अमीरात के साथ एकजुट हैं।

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