पुणे। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार शुक्रवार को पुणे पहुंचे और पिंपरी चिंचवाड़ इलाके में जन सम्मान यात्रा के दौरान दिए गए भाषण में विधायक रवि राणा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने लाडली बहन योजना के बारे में चल रहे विवाद पर बात करते हुए कहा कि कुछ लोगों द्वारा दिए गए बयानों से जनता में भ्रम फैलाया जा रहा है। अजित पवार ने साफ किया कि लाडली बहन योजना के तहत सरकार द्वारा दी गई राशि बहनों के लिए एक तोहफा है, जिसे कभी वापस नहीं लिया जाएगा। अजित पवार ने कहा, रक्षाबंधन के मौके पर भाई अपनी बहन को जो तोहफा देता है, उस पर बहन का पूरा अधिकार होता है और वह तोहफा कभी वापस नहीं लिया जाता। हमारी सरकार ने भी लाडली बहन योजना के तहत बहनों को यह तोहफा दिया है, और अगर कोई इसे लेकर गलत बयान देगा, तो उसकी जुबान खींच लूंगा।”
लाडली बहन योजना पर विवाद
एकनाथ शिंदे सरकार की महत्वाकांक्षी लाडली बहन योजना विवादों में घिर गई है। इस योजना की शुरुआत मध्य प्रदेश की तर्ज पर की गई है, जिसमें महाराष्ट्र की एलिजिबल महिलाओं के खातों में पहली दो किस्तों के रूप में कुल 3000 रुपये जमा होने वाले हैं। लेकिन, महायुति सरकार के दो विधायकों, रवि राणा और महेश शिंदे, के विवादास्पद बयानों के बाद से योजना को लेकर राजनीति गरमा गई है। शिवसेना के विधायक महेश शिंदे ने सतारा में एक जनसभा के दौरान लाभार्थियों को चेतावनी दी कि अगर वे चुनाव में सरकार को वोट नहीं देंगे, तो दिसंबर में उनका “करेक्ट कार्यक्रम” रद्द कर दिया जाएगा। उनके इस बयान के बाद काफी विवाद खड़ा हो गया। वहीं, विदर्भ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विधायक रवि राणा ने कहा कि जो भी लाभार्थी महिला उन्हें वोट नहीं देगी, उसके खाते में जमा किए गए 1500 रुपये वापस ले लिए जाएंगे।
अजित पवार ने इन बयानों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि सरकार की ओर से दी गई राशि जनता का हक है, और इसे किसी भी हाल में वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया कि लाडली बहन योजना का लाभ सभी पात्र महिलाओं को मिलेगा, और किसी भी तरह की धमकी या बयानबाजी का इस पर कोई असर नहीं होगा।