
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में गुटबाजी की तकरार उस समय और बढ़ गई जब एनसीपी (अजित पवार गुट) के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने चाचा और एनसीपी (शरद पवार गुट) के अध्यक्ष शरद पवार पर निशाना साधा। मंगलवार को शरद पवार ने सार्वजनिक रूप से अजित पवार का मजाक उड़ाते हुए उनकी भावुकता की नकल की थी, जिस पर अजित पवार ने कहा कि चाचा का ऐसा करना गलत था, क्योंकि वह अपनी मां को याद कर भावुक हो गए थे।अजित पवार ने इस पर कहा, मैंने हमेशा शरद पवार को भगवान माना है, लेकिन उन्होंने मेरे भाषण की नकल की। शरद पवार एक अनुभवी नेता हैं, लेकिन इस नकल से कई लोगों को अच्छा नहीं लगा। मैं भावुक हो गया था और यह स्वाभाविक था। मैंने अपनी मां का जिक्र करते हुए कुछ पलों के लिए भावुक हो गया और रो पड़ा। अजित पवार ने कहा कि “राज ठाकरे की नकल के लिए तो जाना जाता है, लेकिन शरद पवार द्वारा ऐसा करना देखकर दुख हुआ। इस घटना ने एनसीपी के दोनों गुटों के बीच दरार को और गहरा कर दिया है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान तेज होगा, चाचा-भतीजे के बीच यह जुबानी जंग और तीखी हो सकती है। शरद पवार द्वारा अपने पोते योगेंद्र पवार को बारामती से चुनाव मैदान में उतारना अजित पवार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। अजित पवार के समर्थकों का कहना है कि बारामती में जीत के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी, खासकर जब लोकसभा चुनाव में सुप्रिया सुले को बारामती विधानसभा क्षेत्र में 47,381 वोटों की बढ़त मिली थी। अब अजित पवार को बारामती में मतदाताओं, विशेषकर युवाओं को यह भी समझाना होगा कि उन्होंने भाजपा और शिवसेना के साथ गठबंधन करने का निर्णय क्यों लिया।