
मुंबई। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री अजित पवार ने साफ किया कि उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि लाडकी बहिन योजना के तहत लाभार्थियों को 1500 रुपये की जगह 2100 रुपये मिलेंगे। उन्होंने मीडिया से कहा, “अगर मैंने कभी 2100 रुपये की बात कही हो, तो कोई भी मेरा ऐसा बयान दिखा सकता है।” हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि महायुति सरकार के चुनावी घोषणापत्र में इसका उल्लेख था, और सरकार इस पर विचार कर रही है। अजित पवार ने स्पष्ट किया कि जब राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, तब इस योजना को लागू करने पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा, जब हमें लगेगा कि हमारी वित्तीय स्थिति ठीक है, तब इस प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने लाकर आगे बढ़ाएंगे। फिलहाल कोई समयसीमा तय नहीं की गई है, लेकिन इस पर काम जारी है।
उद्धव ठाकरे का बजट पर हमला
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (युबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने राज्य बजट 2025-26 को ‘जुमला बजट’ करार दिया। उन्होंने कहा- इस बजट में किसानों के लिए कुछ खास नहीं है। लाडकी बहिन योजना के तहत 2100 रुपये देने का वादा भी पूरा नहीं किया गया। यह सरकार सिर्फ चुनाव जीतने के लिए वादे करती है और फिर उन्हें पूरा नहीं करती।
लाडकी बहिन योजना के लिए बजट में क्या है?
महाराष्ट्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष (2025-26) के 700020 करोड़ रुपये के बजट में लाडकी बहिन योजना के लिए 36000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार का राजकोषीय संतुलन हासिल होने के बाद ही महायुति का चुनावी वादा पूरा किया जाएगा। हालांकि, यह योजना अप्रैल 2025 से लागू नहीं होगी। सरकार ने बजट में राजकोषीय घाटा 136234 करोड़ रुपये और कुल व्यय 700020 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया है।