Sunday, June 29, 2025
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अजित पवार ने तोड़ी चुप्पी, कहा- मुझे राजनीतिक डेंगू नहीं हुआ, अमित शाह से नहीं की कोई शिकायत

पुणे। एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि वह इस खबर से ‘दुखी’ हैं कि वह ‘राजनीतिक डेंगू’ से पीड़ित हैं और कहा कि उन्हें कोई ‘राजनीतिक बीमारी’ नहीं है। उन्होंने पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैं 15 दिनों से डेंगू से बीमार था। मैं इस खबर से दुखी हूं कि मुझे राजनीतिक डेंगू हो गया है। मैं इतना कमजोर नहीं हूं। मुझे कोई राजनीतिक बीमारी नहीं है। मैंने अमित शाह से कोई शिकायत नहीं की। शिकायत करना मेरा स्वभाव नहीं है। राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने पिछले महीने स्पष्ट किया था कि अजित पवार डेंगू से पीड़ित थे और उन्हें कुछ दिनों के लिए चिकित्सा मार्गदर्शन की सलाह दी गई थी। उन्होंने कहा था कि अजित पवार एक बार अपने पैरों पर वापस खड़े हो जाएंगे तो वह “पूरी ताकत से वापस” आएंगे। पटेल ने एक्स पोस्ट में कहा था कि उन अटकलें मीडिया रिपोर्टों के विपरीत, जिनमें कहा गया है कि अजित पवार सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग नहीं ले रहे हैं, मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि उन्हें कल से डेंगू का पता चला है और उन्हें अगले कुछ दिनों के लिए चिकित्सा मार्गदर्शन और आराम की सलाह दी गई है। अजित पवार अपनी सार्वजनिक सेवा जिम्मेदारियों के प्रति प्रतिबद्ध हैं। एक बार जब वह पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे, तो वह अपने समर्पित सार्वजनिक कर्तव्यों को जारी रखने के लिए पूरी ताकत से वापस आएंगे। अजित पवार ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को लेकर उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कोई चर्चा नहीं हुई है। पवार ने कहा कि सीट बंटवारे पर अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन हां, हमने चर्चा की थी कि सीट बंटवारे का निर्णय वैकल्पिक योग्यता (किसी विशेष सीट पर उम्मीदवार की जीतने की क्षमता) के आधार पर लिया जाएगा…वर्तमान में, पांच राज्यों में चुनाव हैं चल रहे हैं…चुनाव के बाद सीट बंटवारे पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि किसी को भी ऐसा बयान नहीं देना चाहिए कि अभिव्यक्ति से दो समाजों के बीच नफरत पैदा हो। उन्होंने कहा कि राज्य पिछड़ा आयोग ने सर्वे के लिए 400 करोड़ से 500 करोड़ रुपये मांगे हैं। राज्य कैबिनेट की बैठक में राज्यहित में फैसला लिया जायेगा। चुनावी गुण-दोष के आधार पर चर्चा होगी। सूखे की स्थिति को लेकर जल्द ही सभी कलेक्टरों की बैठक होगी। 31 जुलाई तक खेती के लिए पानी कैसे संरक्षित किया जा सकता है, इस पर चर्चा होगी।

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