
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मददगार की भूमिका निभाने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान मोहम्मद कटारिया के रूप में हुई है। यह गिरफ्तारी जुलाई में चलाए गए ऑपरेशन महादेव के दौरान बरामद हथियारों और उपकरणों की फोरेंसिक जांच के बाद संभव हो पाई। इसी ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने पहलगाम में 26 लोगों की हत्या करने वाले तीन आतंकवादियों को मार गिराया था। भारतीय सेना ने भी दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के ब्रिनल वन क्षेत्र में एक आतंकवादी ठिकाने का भंडाफोड़ किया और उसे विस्फोट से उड़ाकर नष्ट कर दिया। मौके से गैस सिलेंडर और अन्य सामग्री बरामद की गई है। फिलहाल इलाके में तलाशी अभियान जारी है। इस मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी जून में पहलगाम हमले में आतंकवादियों को पनाह देने के आरोप में दो लोगों– बटकोट निवासी परवेज अहमद जोथर और हिल पार्क (पहलगाम) निवासी बशीर अहमद जोथर को गिरफ्तार किया था। दोनों ने आतंकियों को भोजन और आश्रय उपलब्ध कराया था। इसके अलावा, एनआईए ने हंदवाड़ा के एक निवासी को भी पकड़ा था, जिससे हमले में इस्तेमाल फंडिंग को लेकर पूछताछ की गई। एनआईए इस केस से जुड़े 450 फोन नंबरों की जांच कर रही है, जिनमें 2011 से एजेंसी द्वारा दर्ज 80 मामलों से जुड़े नंबर भी शामिल हैं। एजेंसी को पता चला है कि यासिर हयात नामक व्यक्ति मलेशिया में स्थित संदिग्ध हैंडलर सज्जाद अहमद मीर और पाकिस्तान के दो अन्य संपर्कों से जुड़ा था। मीर ने हयात को शफात वानी को 2 लाख रुपये देने का निर्देश दिया था। जांच से पता चला है कि वानी को कुल 9 लाख रुपये मिले थे, जिनका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए किया गया। एनआईए ने स्पष्ट किया है कि उसने विदेशी स्रोत से आतंकी फंडिंग का सुराग हासिल कर लिया है और मामले की गहन जांच जारी है।




