
अहमदाबाद। गुजरात पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से तीन सीरियाई नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जो भारत की मस्जिदों में खुद को गाजा के नागरिक बताकर चंदा मांगते थे। आरोपी टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे और इस धन का इस्तेमाल ऐशो-आराम की जिंदगी में कर रहे थे। उनके पास से लगभग 3,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 2.65 लाख रुपये) और 3 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। अहमदाबाद पुलिस क्राइम ब्रांच को गुप्त सूचना मिली कि यह समूह मस्जिदों में जाकर लोगों से झूठे तथ्यों के आधार पर चंदा उगाही कर रहा था। सबसे पहले अली मेधात अल-अजहर को गिरफ्तार किया गया, जिसने पूछताछ में अपने और साथी आरोपियों के बारे में जानकारी दी। उसके बाद तीन अन्य आरोपी, जकारिया, अहमद और यूसुफ खालिद, फरार हो गए। 23 अगस्त, 2025 को उनके पासपोर्ट नंबरों के आधार पर लुकआउट नोटिस (LOC) जारी किया गया। 3 सितंबर, 2025 को दिल्ली एयरपोर्ट पर दुबई होते हुए दमिश्क जाने वाली उड़ान में सवार होते समय तीनों को LOC के आधार पर गिरफ्तार किया गया और अहमदाबाद लाया गया। जांच में सामने आया कि तीनों आरोपी 3 अगस्त, 2025 से 2 अक्टूबर, 2025 तक के पर्यटक वीजा पर भारत आए थे और अहमदाबाद में 10-12 दिन रुके, फिर दिल्ली चले गए। उन्होंने मस्जिदों में लोगों को गाजा या फिलिस्तीन के बताए जाने वाले झूठे कथनों के आधार पर चंदा जुटाया। पुलिस के अनुसार, आरोपी अहमद पहले भी दो बार भारत आ चुका है और लखनऊ तथा दिल्ली की मस्जिदों से चंदा इकट्ठा कर चुका था। इकट्ठा किए गए धन को भारतीय मुद्रा से डॉलर में बदल दिया गया। आरोपियों के खिलाफ वीजा नियमों के उल्लंघन और फर्जी चंदा उगाही के आरोप हैं। उन्हें हिरासत में लेकर निर्वासित करने और ब्लैक-लिस्ट करने की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस आगे इस धन के उपयोग के उद्देश्य की जांच कर रही है।