Wednesday, November 12, 2025
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कृषि समृद्धि योजना: अगले तीन वर्षों के लिए 5,668 करोड़ की सहायता निधि मंजूर, किसानों को मिलेगी ड्रोन व आधुनिक उपकरणों की सब्सिडी

मुंबई। राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र में पूंजी और बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर निवेश करने का निर्णय लिया है। जून से सितंबर के बीच हुई भारी बारिश से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए यह कदम उठाया गया है। कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने बताया कि ‘कृषि समृद्धि योजना’ के तहत किसानों को ड्रोन, कृषि तालाब, कृषक सुविधा केंद्र और ट्रैक्टर-संचालित ब्रॉड-बेड वरम्बा (बीबीएफ) मशीनों के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए अगले तीन वर्षों के लिए 5,668 करोड़ रुपये का कोष मंजूर किया गया है।
कृषि मंत्री ने कहा कि यह योजना किसानों के जीवन स्तर को सुधारने और बदलते मौसम के कारण आने वाले संकटों से निपटने में मददगार सिद्ध होगी। इस योजना को राज्य के अधिकतम किसानों तक पहुँचाने के लिए कृषि विभाग ने इसके क्रियान्वयन को मंजूरी दी है।
योजना के चार प्रमुख घटक

  1. ट्रैक्टर चालित चौड़ी क्यारी वरम्बा (बीबीएफ) मशीन।
  2. व्यक्तिगत कृषि तालाब।
  3. कृषक सुविधा केंद्रों की स्थापना।
  4. मुख्यमंत्री किसान ड्रोन।
    इन घटकों के लिए कुल 5,668 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं- जिनमें 25,000 बीबीएफ मशीनों के लिए 175 करोड़, 14,000 कृषि तालाबों के लिए 93 करोड़, कृषक सुविधा केंद्रों के लिए 5,000 करोड़ और 5,000 ड्रोन के लिए 400 करोड़ रुपये शामिल हैं।
    कृषि यंत्रीकरण को मिलेगी नई दिशा
    कृषि यंत्रीकरण योजना के अंतर्गत अब किसानों को ड्रोन, जैविक उत्पादन केंद्र, प्लास्टिक लाइनिंग, कीट नियंत्रण, पोषक तत्व प्रबंधन और मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाएँगी।
    मंत्री भरणे ने बताया कि 25,000 बीबीएफ मशीनें राज्य में उपलब्ध कराई जाएँगी। प्रत्येक मशीन प्रति मौसम लगभग 100 हेक्टेयर क्षेत्र में काम कर सकेगी, जिससे करीब 25 लाख हेक्टेयर भूमि पर यह तकनीक लागू की जा सकेगी। इस पद्धति से बीज की खपत में 30-40 प्रतिशत की कमी और उत्पादन में 15-20 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है। सरकार मशीन की लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 70 हजार रुपये तक अनुदान देगी।
    कृषि तालाब और सुविधा केंद्रों पर जोर
    राज्य में 14,000 कृषि तालाबों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इसमें शेड के आकार के आधार पर 16 हजार रुपये से लेकर 1 लाख 67 हजार रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। वहीं, 2,778 किसान सुविधा केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जिनकी औसत परियोजना लागत तीन करोड़ रुपये रखी गई है। प्रत्येक केंद्र को अधिकतम 1 करोड़ 80 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। इन केंद्रों में मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ, जैविक उर्वरक उत्पादन केंद्र, किराये पर उपकरण उपलब्धता, गोदाम, कोल्ड चेन, कीट नियंत्रण सामग्री और खाद्य प्रसंस्करण जैसी सुविधाएँ होंगी, ताकि किसानों को एक ही स्थान पर सभी सेवाएँ मिल सकें।
    मुख्यमंत्री किसान ड्रोन योजना
    केंद्र की नमो ड्रोन दीदी योजना की तर्ज पर राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री किसान ड्रोन योजना की घोषणा की है। इसके तहत 5,000 कृषि ड्रोन अनुदान पर उपलब्ध कराए जाएँगे। कृषि स्नातकों को ड्रोन की लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 8 लाख रुपये, जबकि अन्य किसानों को 40 प्रतिशत या अधिकतम 4 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी।
    पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
    इस योजना के लिए पात्र किसान को राज्य में सातबारा धारक होना आवश्यक है और उसके पास एग्रीस्टैक किसान पंजीकरण संख्या भी होनी चाहिए। आवेदन महाडीबीटी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा और चयन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगा। सब्सिडी की राशि सीधे डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में जमा की जाएगी। किसान, किसान समूह और किसान उत्पादक कंपनियाँ सभी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
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