
मुंबई। मुंबई के प्रसिद्ध लालबागचा राजा का 35 घंटे बाद आखिरकार विसर्जन संपन्न हुआ। राजा का विसर्जन गिरगांव के गहरे समुद्र में किया गया, जहां हजारों भक्त और मंडल कार्यकर्ता भावुक माहौल में मौजूद रहे। लालबागचा राजा रविवार सुबह 8 बजे गिरगांव चौपाटी पहुंचे थे, लेकिन तकनीकी समस्याओं और बढ़ते ज्वार के कारण मूर्ति को बेड़ा पर नहीं रखा जा सका। नए बेड़े पर मूर्ति स्थापित करने की योजना गड़बड़ा गई और पानी का स्तर बढ़ने से विसर्जन प्रक्रिया बाधित हुई। करीब 22 घंटे की शोभायात्रा के बाद बप्पा गिरगांव पहुंचे, जहां उन्हें बेड़ा पर बैठाने और आरती करने की तैयारी की गई थी। हालांकि, दो घंटे तक किए गए प्रयास विफल रहे। पानी कम होने के बाद मूर्ति को आठ घंटे तक पांच फीट पानी में खड़ा रखा गया और अंततः साढ़े आठ घंटे बाद बेड़ा पर ले जाया गया। रात 8:10 बजे आरती के बाद रात 9:12 बजे राजा का विसर्जन सम्पन्न हुआ। गिरगांव चौपाटी पर भक्तों ने नम आँखों से बप्पा को विदाई दी और ‘गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया’, ‘हाय शान कोनाची, लालबागचा राजाची’ के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। भक्तों ने विदाई के समय प्रार्थना की। “अगले बरस जल्दी आना।