
जालना। छत्रपति संभाजीनगर में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मराठा कार्यकर्ता आक्रामक हो गए हैं। झुंझर छावा संगठन के कार्यकर्ताओं ने डॉ. रमेश तारख के चेहरे पर कालिख पोत दी है। यह घटना तब हुई जब डॉ. तारख ने अंतरावली सराती में मराठा नेता मनोज जारांगे की भूख हड़ताल का विरोध किया था। मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल मराठा आरक्षण को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं और हाल ही में उन्होंने अंतरवाली सराती गांव में भूख हड़ताल शुरू की थी। हालांकि, बाद में उन्होंने भूख हड़ताल समाप्त कर दी, लेकिन 13 जुलाई तक की समयसीमा दी है। दूसरी ओर, ओबीसी नेता अपनी मांगों को लेकर आक्रामक हो रहे हैं। ओबीसी नेता लक्ष्मण हाके और नवनाथ वाघमारे 9 दिनों तक अनशन पर बैठे रहे, उन्होंने मांग की कि ओबीसी आरक्षण प्रभावित नहीं होना चाहिए। इस बीच, मराठा और ओबीसी नेताओं के बीच जुबानी जंग भी चल रही है। छत्रपति संभाजीनगर में मराठा आंदोलनकारी आक्रामक हो गए और उन्होंने डॉ. रमेश तारख के चेहरे पर कालिख पोत दी। डॉ. तारख ने मनोज जारांगे के आंदोलन का विरोध किया था और उनके खिलाफ अर्जी दाखिल की थी।
डॉ. रमेश तारख ने बताई पूरी कहानी
घटना के बाद डॉ. रमेश तारख ने कहा चैम्बर में मेरे पास मरीज बैठे थे। अचानक कुछ लोग आए और मेरे स्टाफ पर चिल्लाने लगे कि उन्हें केबिन में जाना है। वे चार-पांच लोग थे, तो उन्होंने थोड़ा रुकने के लिए कहा था, लेकिन वे नहीं माने और केबिन में आ गए। अंदर आकर सबसे पहले उन्होंने मुझे एक गुलदस्ता और एक शॉल दिया। उन्होंने कहा कि यह आपका जन्मदिन है। मैंने कहा कि मुझे जन्मदिन से कोई लेना-देना नहीं है, आज मेरा जन्मदिन नहीं है। मुझे थोड़ा संदेह हुआ, मैं थोड़ा उठ कर खड़ा हो गया। इसके बाद उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया और बाकी लोगों ने मुझे पकड़ लिया और मेरे चेहरे पर कालिख पोत दी। डॉ. रमेश तारख पहले मनोज जारांगे के पुराने सहयोगी थे। बताया जा रहा है कि यह घटना मनोज जारांगे के आंदोलन का विरोध करने के कारण हुई है। डॉ. तारख ने कहा है कि उन्होंने दो महीने पहले जारांगे के खिलाफ स्टैंड लिया था और अब उनके साथ यह हुआ है। डॉ. तारख ने संबंधित मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की मांग की है।