
मुंबई। जैन संत, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी आचार्य जवाहरलाल महाराज की पुण्यतिथि पर उनकी स्मृति में विशेष डाक टिकट और स्मृति मुद्रा जारी की गई। यह कार्यक्रम मुंबई के राजभवन में आयोजित हुआ, जिसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम का आयोजन ङजसकरण बोथरा फाउंडेशनङ द्वारा किया गया। राज्यपालों ने आचार्य जवाहरलाल के स्वतंत्रता पूर्व काल में किए गए जनजागरण कार्य और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने भगवान महावीर और जैन संतों द्वारा स्थापित सत्य, अहिंसा, अस्तेय और अपरिग्रह के सिद्धांतों को मानव समाज के लिए शाश्वत बताया। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि जो धर्म समय की कसौटी पर खरा उतरता है वही सच्चा धर्म है और जो टिकता नहीं वह अधर्म है। उन्होंने आचार्य जवाहरलाल के आध्यात्मिक संदेशों और नैतिक शिक्षाओं की सराहना की।
आचार्य जवाहरलाल के सामाजिक और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को मिला सम्मान
पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने बताया कि आचार्य जवाहरलाल ने देश की पराधीनता के समय १०,००० से अधिक सत्संगों के माध्यम से लोगों में चेतना जगाई और उन्हें स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ने का कार्य किया। वे जीवन भर अहिंसा और अपरिग्रह के मार्ग पर चलते रहे और समाज में फैली कुरीतियों- बाल विवाह, दहेज प्रथा और व्यसनाधीनता के खिलाफ उनका रुख बेहद स्पष्ट और दृढ़ था। राज्यपालों ने कहा कि उनके द्वारा स्थापित आदर्शों और समाज सुधार कार्यों की स्मृति में जारी की गई मुद्रा और डाक टिकट आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगे। कार्यक्रम में जसकरण बोथरा फाउंडेशन के विश्वस्त सिद्धांत बोथरा ने प्रास्ताविक प्रस्तुत किया। इसके अलावा राज्य के कौशल्य विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, राज्यपाल के सचिव डॉ. प्रशांत नारनवरे, पोस्ट मास्टर जनरल अमिताभ सिंह, सिद्धार्थ बोथरा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।




