Friday, November 22, 2024
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एक किलो सोने की मछली चोरी मामले में आरोपी संदीप दबोचा गया, फर्म में बनाता था गहने, भरोसा पाकर किया हाथ साफ

भागलपुर: एक किलोग्राम सोने की बनी प्राचीन मछली की चोरी मामले में तमिलनाडु पुलिस ने बुधवार देर शाम आरोपी संदीप कुलस्ते को पकड़ लिया।

तमिलनाडु पुलिस ने झारखंड के साहिबगंज महाराजपुर से पकड़े गए आरोपी धनराज की निशानदेही पर संदीप कुलस्ते को तातारपुर थाना क्षेत्र के लाल शाह दरगाह चौक के पास दबोच लिया। हालांकि, तातारपुर थानाध्यक्ष पूर्णबिंदु कुमार ने तमिलनाडु पुलिस की तरफ से किसी तरह की कोई भी जानकारी उन्हें देने से साफ इनकार किया है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तमिलनाडु पुलिस ने संदीप को बुधवार शाम साढ़े सात बजे हिरासत में तब लिया, जब वह मंदरोजा की तरफ जा रहा था। तमिलनाडु पुलिस ने उसे इनोवा गाड़ी में बैठाया और तेजी से कोतवाली रोड की तरफ निकल गई। एक किलोग्राम सोने की बनी मछली भागलपुर के किसी कारोबारी को बेची गई या कहीं और यह जानकारी संदीप से पूछताछ के बाद सामने आ सकती है।

तमिलनाडु पुलिस ने 25 मार्च को कोतवाली थाना क्षेत्र के सोनापट्टी और तिलकामांझी थाना क्षेत्र के मुंदीचक में संदीप की तलाश छापेमारी की थी, लेकिन संदीप को पकड़ने में नाकाम रही पुलिस टीम साहेबगंज चली गई थी। आरोपी संदीप के भागलपुर में होने की जानकारी तकनीकी निगरानी के क्रम में तमिलनाडु पुलिस को मिली थी। उसका लोकेशन मिलने पर मुंदीचक और सोनापट्टी में मिलने पर छापेमारी की थी, लेकिन फिर उसका लोकेशन बंद हो गया।

क्या है मामला?
तमिलनाडु के डिंडीगल सिसमलाई निवासी बी. राजन के यहां से करीब एक किलोग्राम की बनी सोने की मछली चोरी चली गई थी। इस मामले की जांच करने दौरान संदीप का नाम भी सामने आया था, तब से पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। चोरी की घटना के पांच दिनों बाद संदीप अचानक अंडरग्राउंड हो गया।

बाद में उसका लोकेशन डिंडीगल के बाद कोलकाता और फिर भागलपुर में मिला था। चोरी की मछली का सौदा भागलपुर में अपनी पहचान के किसी स्वर्ण व्यवसायी से करने के मकसद से यहां आने की बात सामने आई थी।

बता दें कि संदीप मूल रूप से महाराष्ट्र के सांगली जिले का रहने वाला है। तमिलनाडु पुलिस के मुताबिक,डिंडीगल के सिसमलाई हिल एरिया के विजय मरिअप्पन की पहचान पर संदीप कुलस्ते स्वर्ण आभूषण तैयार करने का काम आभूषण कारोबारी बी. राजन के फर्म में मिला था। कारीगरी अच्छी थी, इसलिए जल्द ही उस पर भरोसा बन गया। साल 2007 में वह भागलपुर में स्वर्ण आभूषण की कारीगरी सोनापट्टी में रहकर करता था।

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