देवेश प्रताप सिंह राठौड़
झांसी। झांसी जनपद में खरीफ-2024 के लिए उर्वरक और कीटनाशक रसायन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने इस संबंध में अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं, ताकि किसानों को कोई असुविधा न हो और उर्वरकों की कालाबाजारी या नकली उर्वरकों की बिक्री पर सख्ती से नजर रखी जा सके।पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध उर्वरककृषि विभाग के अनुसार, झांसी जनपद को 1500 मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति प्राप्त हो चुकी है, जिसे धान की फसल वाले क्षेत्रों में प्राथमिकता से वितरित किया जा रहा है। खरीफ-2024 में यूरिया का लक्ष्य 12300 मैट्रिक टन था, लेकिन अब तक 20952 मैट्रिक टन उपलब्ध हो चुकी है। इसी तरह, डीएपी का लक्ष्य 8590 मैट्रिक टन था, जबकि 12002 मैट्रिक टन उपलब्ध है। एनपीके भी 905 मैट्रिक टन उपलब्ध कराई जा चुकी है।उर्वरकों की कालाबाजारी पर नजरजिलाधिकारी ने उर्वरक विक्रेताओं को सख्त हिदायत दी है कि उर्वरकों का विक्रय केवल जनपद के भीतर ही हो, राज्य या जनपद के बाहर उर्वरक की बिक्री करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने उर्वरकों की कालाबाजारी और ओवररेटिंग की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस पर कड़ी नजर रखी जाएगी और दोषी पाए जाने वाले विक्रेताओं की डीलरशिप तत्काल निरस्त कर दी जाएगी।किसानों के लिए निर्देशकिसानों को पीओएस मशीन के माध्यम से ही उर्वरक खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए खतौनी और आधार कार्ड की छायाप्रति प्रस्तुत करनी होगी। ज़िला कृषि अधिकारी कुलदीप कुमार मिश्रा ने किसानों को सलाह दी है कि अत्यधिक उर्वरकों का प्रयोग न करें, क्योंकि इससे मृदा की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है। उन्होंने धान की फसल में नैनो डीएपी और नैनो यूरिया के उपयोग को भी लाभदायक बताया।
उर्वरक विक्रेताओं के लिए सख्त निर्देश
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि उर्वरक विक्रेताओं को अपनी दुकानों पर रेट लिस्ट साफ और बड़े अक्षरों में चस्पा करनी होगी। यदि रेट लिस्ट उपलब्ध नहीं है या पठनीय नहीं है, तो विक्रेताओं के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कार्रवाई की जाएगी। नकली उर्वरक बेचने वाले विक्रेताओं पर भी सख्त कार्रवाई होगी।