
मुंबई। जल आपूर्ति मंत्री गुलाबराव पाटिल ने स्पष्ट किया है कि महाराष्ट्र में नागरिकों को दीर्घकालिक और स्थायी जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल पुनर्भरण नीति तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि जलापूर्ति योजनाओं के स्रोतों के पास भूजल पुनर्भरण के संसाधनों को मजबूत करना आवश्यक है ताकि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में भविष्य की जल आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। इस संदर्भ में मंत्रालय में महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण और जिला परिषद नागपुर के अंतर्गत जलापूर्ति की स्थिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, जल आपूर्ति विभाग के सहसचिव डॉ. बापू पवार, राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन के अभियान निदेशक ई. रवींद्रन, नागपुर के मुख्य अभियंता सुभाष भुजबल, तथा प्रशांत भामरे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। नागपुर संभाग में जल स्रोतों की गुणवत्ता, उपलब्धता और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए संभाग स्तर पर व्यापक चर्चा की गई। बैठक में यह तय किया गया कि महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दे और स्थानीय स्वशासन निकायों के माध्यम से हर घर तक नल से जल पहुंचाने हेतु ठोस नीति बनाए। मंत्री पाटिल ने निर्देश दिए कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत लंबित परियोजनाओं को शीघ्र पूर्ण किया जाए और आवश्यक निधि तुरंत जारी की जाए। राजस्व मंत्री बावनकुले ने भूजल स्तर में सुधार के लिए भूजल सर्वेक्षण और विकास विभाग को जल पुनर्भरण योजना तैयार करने का सुझाव दिया और इसके लिए एक प्रभावी नीति निर्धारण की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अलावा बैठक में नागपुर जिले की स्वर्ण जयंती शहरी पुनर्विकास योजना, कामठी छावनी परिषद हेतु विशेष जलापूर्ति योजना, और नागपुर पेरी-शहरी क्षेत्र (12 गांव) के लिए जल दरों को लेकर भी चर्चा हुई। इसमें यह प्रस्ताव रखा गया कि महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण नगर पंचायतों और ग्राम पंचायतों को उच्च जल टंकी तक पानी की आपूर्ति एकमुश्त आधार पर करे, जबकि आगे की वितरण व्यवस्था, मरम्मत, और बिल वसूली का दायित्व स्थानीय निकाय संभालें। बैठक के दौरान यह भी सहमति बनी कि जल संरक्षण और आपूर्ति के क्षेत्र में एकीकृत दृष्टिकोण अपनाते हुए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें ताकि महाराष्ट्र में जल संकट की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।