
मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र की नदियों के प्रदूषण को कम करने और उनके सतत पुनर्जीवन को सुनिश्चित करने के लिए “महाराष्ट्र राज्य नदी पुनर्जीवन प्राधिकरण” (एमएसआरआरए) की स्थापना की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी है। इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य नदियों के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखना और उन्हें पुनर्जीवित कर पर्यावरण संतुलन को सुदृढ़ करना है। मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री फडणवीस की अध्यक्षता में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई। बैठक में पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं पशुसंवर्धन मंत्री पंकजा मुंडे, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव अश्विनी भिडे, पर्यावरण विभाग की सचिव जयश्री भोज, जलवायु परिवर्तन कक्ष के निदेशक अभिजीत घोरपडे और परामर्श संस्था की विशेषज्ञ नमिता रेपे उपस्थित थीं। बैठक में मंत्री पंकजा मुंडे ने प्रस्तावित प्राधिकरण की संकल्पना और कार्यप्रणाली का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने बताया कि यह प्राधिकरण नदियों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और बेसिन प्रबंधन योजनाएं तैयार करेगा, अतिक्रमण, बिजली और भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं का समाधान करेगा और राष्ट्रीय योजनाओं के अंतर्गत परियोजनाओं की अनुशंसा करेगा। प्राधिकरण के अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे, जबकि पर्यावरण मंत्री उपाध्यक्ष की भूमिका निभाएंगी। साथ ही, पर्यावरण मंत्री की अध्यक्षता में एक राज्यस्तरीय कार्यकारी समिति का गठन किया जाएगा जिसमें तकनीकी विशेषज्ञ, वित्तीय और कानूनी सलाहकार, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (एमपीसीबी) के सदस्य सचिव और आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। रोजाना के संचालन के लिए एमपीसीबी के सदस्य सचिव के नेतृत्व में एक समर्पित सचिवालय स्थापित किया जाएगा, जो प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को लागू करने में मदद करेगा। यह प्राधिकरण राज्य की नदियों के दीर्घकालिक और स्थायी पुनर्जीवन के लिए एक समन्वित और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएगा।