
नागपुर। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में शुक्रवार को रामटेक में कौशल विकास केंद्र (सीआईआईटी) की स्थापना के लिए महाराष्ट्र सरकार और टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू पर टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के परियोजना प्रमुख सुशील कुमार और नागपुर जिला कलेक्टर डॉ. विपिन इटनकर ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, वित्त एवं योजना राज्य मंत्री एडवोकेट आशीष जायसवाल और परियोजना समन्वयक प्रीतम गंजेवार सहित कई गणमान्य उपस्थित थे। टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के सहयोग से स्थापित होने वाला यह केंद्र आविष्कार, नवाचार, ऊष्मायन और प्रशिक्षण (सीआईआईटी) को बढ़ावा देगा और छात्रों को अत्याधुनिक नवाचारों पर आधारित प्रशिक्षण प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि इस समझौते से हर साल लगभग 3,000 छात्रों को लाभ मिलेगा और यह परियोजना औद्योगिक उत्पादन को नई गति देगी। रामटेक स्थित इस परियोजना में डिज़ाइन, नवोन्मेष और इनक्यूबेशन सहित नौ प्रकार की प्रशिक्षण सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। यह पहल टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड और महाराष्ट्र सरकार के संयुक्त प्रयास से लागू की जाएगी। उल्लेखनीय है कि टाटा टेक्नोलॉजीज पहले से ही गढ़चिरौली, चंद्रपुर, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार, असम, गोवा, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में ऐसे कौशल विकास केंद्र स्थापित कर चुकी है। करीब 115 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में भवन निर्माण और प्रशिक्षण सुविधाएँ शामिल हैं, जिसमें 98 करोड़ रुपये का निवेश टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड करेगी। इस केंद्र का उद्देश्य विनिर्माण क्षेत्र में आवश्यक कुशल इंजीनियरों, ऑपरेटरों, तकनीशियनों और जनशक्ति का निर्माण करना है। परियोजना प्रमुख सुशील कुमार ने कहा कि यह केंद्र न केवल छात्रों बल्कि उद्योग के पेशेवरों को भी लाभान्वित करेगा और कौशल विकास के माध्यम से उद्योग को प्रशिक्षित संसाधन व नए उद्यमी प्रदान करेगा।




