
मुंबई। वेस्टर्न रीजन साइबर पुलिस ने तथाकथित “डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाकर एक रिटायर्ड महिला टीचर से लाखों रुपये की ठगी करने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान गौरव बरोट के रूप में हुई है। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर अदालत में पेश किया, जहां से आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता एक रिटायर्ड महिला शिक्षिका हैं। फरवरी महीने में उन्हें एक अनजान नंबर से फोन आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम डिपार्टमेंट का अधिकारी बताया। कॉलर ने महिला को धमकी दी कि उनका मोबाइल नंबर दो घंटे के भीतर डिस्कनेक्ट कर दिया जाएगा। जब महिला ने इसका कारण पूछा, तो उसे बताया गया कि उसके मोबाइल नंबर से कथित तौर पर धमकी भरे संदेश भेजे जा रहे हैं और इसी वजह से नंबर ब्लॉक कर दिया जाएगा तथा पुलिस में शिकायत दर्ज की जाएगी। इस कॉल के कुछ समय बाद महिला को एक और फोन आया, जिसमें कॉलर ने झूठा दावा किया कि उनके खिलाफ कोलाबा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हो चुका है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। इसके बाद महिला के व्हाट्सऐप पर पीडीएफ फॉर्मेट में एक फर्जी नोटरी दस्तावेज भेजा गया, जिससे वह और ज्यादा घबरा गई। इसके बाद आरोपियों ने महिला को एक वीडियो कॉल किया, जिसमें एक व्यक्ति जज के वेश में कोर्टरूम में बैठा नजर आया। वीडियो कॉल के दौरान पुलिस की वर्दी पहने एक अन्य व्यक्ति भी दिखाई दिया। नकली जज ने महिला से उनका नाम और बैंक अकाउंट की जानकारी मांगी। महिला को बताया गया कि उनके बैंक अकाउंट का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में किया गया है और यदि उन्हें गिरफ्तार किया गया तो उन्हें 90 दिनों तक पुलिस हिरासत में रखा जाएगा। आरोपियों ने गिरफ्तारी से बचाने का झांसा देते हुए महिला से पैसे की मांग की। उन्हें सख्त हिदायत दी गई कि वह इस बारे में किसी से भी बात न करें। साथ ही यह झूठा भरोसा दिलाया गया कि अगर वह 20 लाख रुपये जमा कर देती हैं, तो पुलिस की ओर से एक “क्लियरेंस लेटर” जारी कर दिया जाएगा। कुछ समय बाद एक अन्य व्यक्ति ने महिला से संपर्क किया, जिसने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और फिर से उनके बैंक अकाउंट की जानकारी मांगी। गिरफ्तारी के डर से घबराई महिला ने अलग-अलग बैंक खातों में कुल 20 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बावजूद ठगों ने उनसे अतिरिक्त 7 लाख रुपये की मांग कर दी। इसके बाद महिला को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने वेस्टर्न रीजन साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को अहम सुराग मिले, जिसके बाद आरोपी गौरव बरोट को गिरफ्तार किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि ठगी की गई रकम का एक हिस्सा आरोपी के बैंक अकाउंट में जमा हुआ था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस ठगी रैकेट में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। साइबर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे “डिजिटल अरेस्ट”, फर्जी पुलिस, सीबीआई या कोर्ट के नाम पर आने वाले कॉल्स से सावधान रहें और किसी भी तरह की धमकी या दबाव में आकर पैसे ट्रांसफर न करें।




