
मुंबई। पुणे के कोरेगांव पार्क क्षेत्र में भूमि खरीद-बिक्री के लेन-देन में बड़े पैमाने पर स्टांप शुल्क की चोरी के आरोपों की जांच के लिए पंजीयन महानिरीक्षक एवं मुद्रांक नियंत्रक सुहास दिवास ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता संयुक्त पंजीयन महानिरीक्षक एवं मुद्रांक अधीक्षक (मुख्यालय), पुणे राजेंद्र मुथे को सौंपी गई है। समिति में पंजीयन उप महानिरीक्षक (मुख्यालय), पुणे उदयराज चव्हाण, पंजीयन उप महानिरीक्षक एवं मुद्रांक उप नियंत्रक, पुणे संभाग धर्मदेव मेनकर, संयुक्त जिला पंजीयक वर्ग-1, पुणे शहर संतोष हिंगणे, सहायक पंजीयन महानिरीक्षक एवं कार्यालय अधिकारी क्रमांक 4, पंजीयन महानिरीक्षक कार्यालय, पुणे श्रीमती अनुजा कुलकर्णी तथा अपर कार्यवाहक सहायक पंजीयन महानिरीक्षक एवं कार्यालय अधिकारी क्रमांक 12, पंजीयन महानिरीक्षक कार्यालय, पुणे संजय पाटिल सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं। यह समिति कोरेगांव पार्क में हाल ही में हुए भूमि सौदों की गहन जांच कर यह पता लगाएगी कि स्टांप शुल्क चोरी किस प्रकार और किस स्तर पर हुई। समिति को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे संबंधित दस्तावेजों और रजिस्ट्री रिकॉर्ड का परीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करें। सूत्रों के अनुसार, प्राथमिक जांच में यह संदेह व्यक्त किया गया है कि कुछ बड़े रियल एस्टेट सौदों में संपत्ति के मूल्यांकन को जानबूझकर कम दर्शाया गया, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हुई है। समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।



