मुंबई। टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल गोल्डेन जुबली परेल मुंबई का ऑडिटोरियम उस समय पुण्यधाम बन गया, जब हास्य कवियों की हास्य कविताओं पर वे कैंसर पीड़ित हंस-हंसकर लोटपोट होने लगे, जिन्हें खुद नहीं पता था कि उनकी जिंदगी में कितने लम्हे बाकी हैं। मौका था लोकाधिकार सेवा समिति द्वारा आयोजित दिनांक ११ अप्रैल २०२३ दिन मंगलवार को हास्य कवि सम्मेलन का जिसे समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. चंद्रशेखर आर शुक्ल के नियोजन में विशेषकर कैंसर पीड़ितों के लिए आयोजित किया गया था। इस आयोजन के तहत समिति का दो उद्देश्य था, प्रथम कैंसर जैसी असाध्य बीमारी से जूझ रहे कैंसर पीड़ितों के चेहरे पर मुस्कान लाई जाए और कोरोना काल में अपनी जान को जोखिम में डालकर मरीजों का इलाज करनेवाले डॉक्टरों का सम्मान करना। इस अवसर पर हास्य कवि सुरेश मिश्र के जादुई संचालन में आश करण अटल, दिनेश बावरा, राना तबस्सुम, संजय बंसल, ज्ञान प्रकाश गर्ग और अनिल तिवारी ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को लोटपोट कर दिया। इस अवसर पर टाटा मेमोरियल सेंटर के डायरेक्टर डाक्टर आर.ए.वडवे ने कहा कि हंसी से बड़ी कोई दवा नहीं होती भयावह रोग कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे मरीजों की खिलखिलाहट देखकर लगता है कि ऐसे कार्यक्रम हर दूसरे महीने करना चाहिए। डॉ श्याम किशोर श्रीवास्तव, डॉ जयप्रकाश अग्रवाल, डॉ सुदीप गुप्ता, डॉक्टर श्रीपद बनवली, डॉक्टर निशु गोयल का शाल, श्रीफल सम्मान चिन्ह व पुष्प गुच्छ देकर सम्मान किया गया। संस्था के सचिव प्रभाकर शुक्ल ने बताया कि टाटा हॉस्पिटल के डायरेक्टर डा. आर ए बड़वे जी के नेतृत्व में ७ ऐसे डाक्टर को सम्मानित किया गया। जिन्होंने कोरोना काल में मरीजों का इलाज करते करते खुद कोरोना के शिकार हुए। कार्यक्रम को सफल बनाने में सचिव प्रभाकर शुक्ल (रिंकू) व संस्था मीडिया प्रभारी आदेश मिश्र ने अथक प्रयत्न किया। इस अवसर पर समाजसेवी डा.विजय पंडित, दोपहर सामना के संपादक अनिल तिवारी, अमित तिवारी, रामबिलास पाठक, सूर्यनाथ सिंह, दलजीत पांडेय, चंद्रेश दुबे, राजेश सिंह, राजू भाई, संतोष पाठक तथा नर्स, डाक्टर, समाजसेवी व कई पत्रकार बंधु उपस्थित थे सम्मान समारोह का संचालन बहुत ही बखूबी से विधि जैन ने किया अंत में हास्य कवि सुरेश मिश्र ने कहा कि आज इन मरीजों को हंसाकर हमें वह पुण्य मिला है जो गंगासागर, हरिद्वार और काशी में नहाने से भी नहीं मिल पाता। ‘समिति अध्यक्ष प.चंद्रशेखर आर शुक्ल ने अपने उद्बोधन में कहा कि कैंसर पीड़ित व्यक्ति घृणा के नही करुणा एवं दया के पात्र है श्री शुक्ल द्वारा कैंसर पीड़ित व्यक्तियों के चेहरे को हसाते हुवे एक सकारात्मक वातावरण दे सके और ऐसे कार्यक्रमों को कराकर मुझे ऐसा लगता है कि मेरे लिए यही तीर्थ और गंगासागर है। हास्य सम्राट कवि सुरेश मिश्र सहित उपस्थित सभी कवि एवं कवियत्रीयो को भी सम्मानित किया गया।