
मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), जो इस समय सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन का हिस्सा है, कथित तौर पर पुणे नगर निगम चुनाव के लिए विपक्षी कांग्रेस के साथ संभावित गठबंधन की संभावना टटोल रही है। यह जानकारी सोमवार को राजनीतिक सूत्रों के हवाले से सामने आई। सूत्रों के अनुसार, अजित पवार ने रविवार रात कांग्रेस नेता सतेज पाटिल से टेलीफोन पर बातचीत की, जिसमें पुणे मनपा चुनाव को लेकर गठबंधन पर चर्चा करने का प्रस्ताव रखा गया। इस पर सतेज पाटिल ने जवाब दिया कि इस विषय पर उन्हें पहले अपनी पार्टी नेतृत्व से चर्चा करनी होगी, क्योंकि कांग्रेस सीटों में सम्मानजनक हिस्सेदारी चाहती है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि एनसीपी (अजित पवार गुट) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना फिलहाल कम ही नजर आ रही है। इसका मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि कांग्रेस 165 सदस्यीय पुणे नगर निगम में कम सीटों पर समझौता करने को तैयार नहीं है। एक सूत्र ने बताया- पुणे लोकसभा सीट कांग्रेस के पास है (महाविकास अघाड़ी के सीट बंटवारे के फॉर्मूले के अनुसार), और पार्टी को जमीनी स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए नगर निगम चुनाव में बेहतर प्रदर्शन और पर्याप्त सीटें चाहिए।” इसी बीच, यह भी स्पष्ट किया गया है कि भाजपा और एनसीपी (अजित पवार गुट) पुणे नगर निगम चुनाव अलग-अलग लड़ने की तैयारी में हैं, जिससे महायुति के भीतर भी स्थानीय स्तर पर समीकरण जटिल होते दिख रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस समानांतर रूप से अपने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सहयोगियों—शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के साथ भी सीट बंटवारे और रणनीति को लेकर बातचीत कर रही है। कुल मिलाकर, पुणे मनपा चुनाव से पहले राजनीतिक खेमों में हलचल तेज़ है, लेकिन मौजूदा संकेत यही बताते हैं कि अजित पवार की एनसीपी और कांग्रेस के बीच संभावित गठबंधन की राह आसान नहीं है और अंतिम तस्वीर सामने आने में अभी समय लगेगा।



