
उन्नाव, उत्तर प्रदेश। शहर के नार्मल स्कूल मैदान में आयोजित पंचम मोक्षदायिनी श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन परमपूज्य संत श्री राम शरण शास्त्री जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण और विदर्भ की राजकुमारी रुक्मिणी के विवाह प्रसंग का अत्यंत भावपूर्ण और मनोरम चित्रण किया। कथा के दौरान श्रद्धालु भक्ति और आनंद में डूबे नजर आए। महाराजश्री ने बताया कि रुक्मिणी देवी भगवान श्रीकृष्ण के गुणों से प्रभावित होकर उनसे विवाह करना चाहती थीं, जबकि उनके भाई रुक्मी ने उनका विवाह शिशुपाल से तय कर दिया था। विवाह से एक दिन पूर्व रुक्मिणी ने एक ब्राह्मण के माध्यम से श्रीकृष्ण को गुप्त संदेश भेजकर उनसे रक्षा और विवाह का अनुरोध किया। श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी की पुकार स्वीकार की और विवाह के दिन कुलदेवी के दर्शन के लिए निकली रुक्मिणी का हरण कर लिया। इस घटना से क्रोधित होकर रुक्मी और शिशुपाल ने श्रीकृष्ण पर आक्रमण किया, लेकिन युद्ध में श्रीकृष्ण ने सभी राजाओं को पराजित कर दिया। रुक्मी को भी पराजय मिली, पर रुक्मिणी के अनुरोध पर श्रीकृष्ण ने उसका वध न कर केवल उसका सिर मुंडवाकर जीवनदान दिया। इसके बाद श्रीकृष्ण रुक्मिणी को द्वारका ले गए, जहां देवी-देवताओं और यदुवंशियों की उपस्थिति में भव्य विवाह संपन्न हुआ। महाराजश्री ने इसे प्रेम, भक्ति और धर्म की विजय का प्रतीक बताया। विवाहोत्सव के अवसर पर कथा स्थल को विशेष रूप से सजाया गया तथा कृष्ण-रुक्मिणी की आकर्षक झांकी के दर्शन कराए गए। मुख्य यजमान डॉ. संजय मिश्रा और बबली मिश्रा सहित दिवस यजमान भानु प्रताप सिंह, प्रशांत दीक्षित, प्रियंका दीक्षित, ममता द्विवेदी तथा संयोजक पवन निगम, रश्मि निगम सहित अनेक श्रद्धालुओं ने आरती और कथा में सहभागिता की। कार्यक्रम में वरिष्ठ क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अवध क्षेत्र राजीव मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि शशांक शेखर सिंह सनी, पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रवीण मिश्रा भानू, ब्लॉक प्रमुख नीरज गुप्ता सहित कई गणमान्य लोगों ने महाराजश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। आचार्य शिवम मिश्र ने विशिष्ट अतिथियों का परिचय कराया और वृंदावन में निर्माणाधीन दिव्य आश्रम के लिए सहयोग का आह्वान किया। मीडिया प्रमुख डॉ. मनीष सेंगर और अशोक रस्तोगी ने बताया कि जो श्रद्धालु कथास्थल पर उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं, वे सनातन परिवार यूट्यूब चैनल पर श्रीमद्भागवत कथा का लाइव प्रसारण देख सकते हैं।




