
नागपुर। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य भर में गैर-कानूनी तरीके से स्टूडेंट्स को ले जाने वाली गाड़ियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने का ऐलान किया है। यह अभियान 1 से 31 जनवरी 2026 तक मुंबई समेत सभी जिलों में लागू रहेगा। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने इसकी जानकारी दी। सरनाईक ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने याद दिलाया कि 2021 में नागपुर में एक स्कूल वैन हादसे में पुल पर दो गाड़ियों की टक्कर होने से ड्राइवर और 13 वर्षीय छात्र की मौत हुई थी। उस घटना के बाद रीजनल ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने निरीक्षण कर गैर-कानूनी तरीके से बच्चों को ले जाने वाली 248 गाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई की और 80 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया। सरनाईक ने कहा कि अब किसी भी स्कूल बस या वैन को बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के सड़क पर नहीं आने दिया जाएगा। इसके लिए एआई तकनीक का इस्तेमाल कर ऐसे वाहनों को सड़क पर आने से पहले ही रोका जाएगा। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है जिसने ‘13+1 फॉर्मेट’ का सेफ स्कूल वैन मॉडल लागू किया है, जिसमें सभी चारों तरफ नेट,सीसीटीवी और जीपीएस जैसी सुरक्षा सुविधाएँ मौजूद हैं। कई स्कूलों ने पुरानी बसों को हटाकर नई सेफ वैनें खरीदी हैं। मंत्री ने आगे कहा कि राज्य में आईटीएमएस सिस्टम, सीसीटीवी नेटवर्क और थ्री-डायमेंशनल रोड मैप तैयार करने का काम जारी है। इसके माध्यम से गैर-कानूनी यू-टर्न, लेन बदलना और ओवरलोडिंग जैसे नियमों के उल्लंघन पर ऑटोमैटिक कार्रवाई की जाएगी। यह पहल बच्चों की सुरक्षा और सड़क सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।




