
पुट्टपर्थी (आंध्र प्रदेश)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में आयोजित ‘भगवान श्री सत्य साईं बाबा जन्म शताब्दी समारोह’ में विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “सच एक है, बस उसे अलग-अलग नाम दिए गए हैं, और आज वही सच पूरी चमक के साथ ‘भगवान श्री सत्य साईं बाबा’ के रूप में हमारे सामने है। पुट्टपर्थी की हवा, मिट्टी और हर कण में साईं बाबा का नाम बसता है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि भगवान सत्य साईं बाबा का जीवन निस्वार्थ प्रेम, मानव सेवा और करुणा का जीवंत उदाहरण है, जो महाराष्ट्र के महान संत श्री ज्ञानेश्वर महाराज की ‘पसायदान’ भावना की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि गुरु भारतीय परंपरा में सिर्फ शिक्षक नहीं बल्कि जीवन की दिशा तय करने वाले प्रकाशस्तंभ होते हैं और गुरु वशिष्ठ, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर से लेकर सत्य साईं बाबा तक यह परंपरा निरंतर बहती रही है। उन्होंने सत्य साईं ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों की सराहना करते हुए बताया कि ट्रस्ट के माध्यम से अस्पताल, विश्वविद्यालय, शैक्षणिक संस्थान और सामाजिक परिवर्तन केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जहां विश्वस्तरीय सेवाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्य साईं ट्रस्ट भारत सरकार के साथ मिलकर नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और एनसीईआरटी के सहयोग से उच्च गुणवत्ता के डिजिटल शैक्षणिक उपकरणों के विकास में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। फडणवीस ने बताया कि साईं संजीवनी हॉस्पिटल में बच्चों की जटिल हृदय सर्जरी पूरी तरह मुफ्त की जाती है और अब तक लाखों सफल सर्जरी हो चुकी हैं। इसके अलावा, 1600 से अधिक गांवों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की गई है और कई गांवों में सोलर ऊर्जा पहुंचाई गई है। साथ ही, हर दिन लाखों जरूरतमंदों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने का कार्य भी निरंतर जारी है, जो सत्य साईं बाबा की मानवता सेवा की सोच का सजीव प्रमाण है। समारोह के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भगवान सत्य साईं बाबा को पुष्प अर्पित किए, मंगल आरती में भाग लिया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने लाभार्थियों को विशेष रूप से ऑटो रिक्शा की चाबियां वितरित कीं। इस अवसर पर ओडिशा के राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति, सांसद डॉ. भागवत कराड, सांसद अशोक चव्हाण, विधायक अभिमन्यु पवार सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।




