
हाजीपुर, बिहार। रेलवे निर्माण विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सीबीआई ने मंगलवार को हाजीपुर जंक्शन परिसर स्थित कार्यालय में छापेमारी कर डिप्टी चीफ इंजीनियर आलोक कुमार को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। कार्रवाई के दौरान उनके कार्यालय से 98 लाख 81 हजार 500 रुपये नकद बरामद हुए, जिन्हें पेपर में लपेटकर अलग-अलग स्थानों पर छिपाकर रखा गया था। कैश की बड़ी मात्रा होने के कारण सीबीआई को पैसे गिनने के लिए मशीन बुलानी पड़ी। करीब 12 घंटे चली इस कार्रवाई में केंद्रीय जांच एजेंसी के 12 अधिकारी शामिल रहे। छापेमारी के दौरान डिप्टी चीफ इंजीनियर आलोक कुमार के अलावा उनके क्लर्क आलोक दास, कार्यालय अधीक्षक और परियोजना प्रबंधक को भी हिरासत में लिया गया। सीबीआई ने बताया कि अब तक बिहार में 5, झारखंड में 1, छत्तीसगढ़ में 3 और पश्चिम बंगाल में 2 सहित कुल 11 ठिकानों पर तलाशी ली जा चुकी है और आगे की कार्रवाई जारी है। गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की अनुमति दे दी गई है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, उप मुख्य अभियंता आलोक कुमार की मिलीभगत निजी ठेकेदार गोविंद भुल्लर, सूरज प्रसाद और राजा नामक व्यक्ति के साथ थी। गलत बिल तैयार करने, माप पुस्तिका (मेजरमेंट बुक) में हेराफेरी और घटिया निर्माण सामग्री को नजरअंदाज कर ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचाया गया, जिससे रेलवे को भारी नुकसान हुआ। इस मामले में 17 नवंबर को पटना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। छापेमारी के दौरान सीबीआई की गाड़ी हाजीपुर स्टेशन परिसर में पहुंचते ही विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। सीबीआई की टीम सीधे निर्माण विभाग की दूसरी मंजिल पर स्थित उप चीफ इंजीनियर आलोक कुमार के कार्यालय में पहुंची, जहां थोड़ी ही देर में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया। बताया जाता है कि आलोक कुमार की हाजीपुर में पोस्टिंग दो साल पहले हाजीपुर–सुगौली रेलखंड के निर्माण कार्य की निगरानी के लिए की गई थी। इस कार्रवाई ने रेलवे निर्माण विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।




