
मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पूर्व के ब्रिटिशकालीन आपराधिक कानूनों में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को स्वीकार करने का प्रावधान नहीं था, जिससे आरोपी सबूत नष्ट कर बच निकलते थे और पीड़ितों को न्याय मिलने में वर्षों लग जाते थे। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए आपराधिक कानूनों के बाद अब पीड़ितों को निश्चित समय सीमा में न्याय मिल रहा है। बुधवार को मुख्यमंत्री फडणवीस ने आज़ाद मैदान में नए आपराधिक कानूनों पर आधारित पाँच दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और दर्शकों को संबोधित किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष एडवोकेट राहुल नार्वेकर, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, कौशल एवं रोजगार मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, मुख्य सचिव राजेश कुमार, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव इकबाल सिंह चहल और पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम अंग्रेजी शासन के दौरान बनाए गए थे, जिनका उद्देश्य शासन चलाना था, न कि पीड़ितों को समयबद्ध न्याय देना। लेकिन नए कानून न्याय को केंद्र में रखते हैं और आरोपी को कठोर दंड दिलाने का स्पष्ट प्रावधान करते हैं। उन्होंने बताया कि 2013 में राज्य की अपराध दोषसिद्धि दर नौ प्रतिशत थी, जो अब 53 प्रतिशत हो चुकी है और नए कानूनों के पूर्ण क्रियान्वयन के बाद यह दर 90 प्रतिशत तक पहुँच सकती है। फडणवीस ने कहा कि राज्य में पिछले कुछ वर्षों में पुलिस बल में व्यापक सुधार किए गए हैं, 50,000 से अधिक पद भरे गए हैं और एक आधुनिक, तकनीक-आधारित पुलिस व्यवस्था तैयार की जा रही है। साइबर अपराधों से निपटने के लिए आधुनिक लैब स्थापित की गई हैं और हाल ही में 60 से अधिक लड़कियों को साइबर बुलिंग से बचाया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि नए कानूनों में देश के किसी भी थाने में अपराध दर्ज कराने की सुविधा दी गई है और ई-एफआईआर की व्यवस्था ने न्याय प्रक्रिया को आम नागरिकों के लिए और सरल बनाया है। प्रदर्शनी में अपराध दर्ज होने से लेकर आरोपी को सजा दिलाने तक की प्रक्रिया को विस्तृत रूप में प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसी प्रदर्शनियाँ जिला स्तर पर भी आयोजित की जाएँ ताकि अधिक से अधिक नागरिक नए कानूनों को समझ सकें। कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला ने प्रदर्शनी की रूपरेखा प्रस्तुत की और बताया कि यह 23 नवंबर 2025 तक प्रतिदिन सुबह 10 से शाम 6 बजे तक खुली रहेगी। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव इकबाल सिंह चहल ने नए कानूनों की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि नए आपराधिक कानून समाज में विकृत मानसिकता और अपराधियों को कठोर सजा दिलाने में सक्षम हैं। डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को महत्व देकर अपराधियों को सजा दिलाना अब अधिक संभव हुआ है। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए भी इन कानूनों में महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल किए गए हैं। पवार ने नागरिकों से अपील की कि वे बड़ी संख्या में इस प्रदर्शनी का अवलोकन कर नए कानूनों की समझ विकसित करें। उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने फोरेंसिक लैब, न्यायिक सहायक प्रयोगशाला, पुलिस स्टेशन, अभियोजन निदेशालय, सिटी सिविल कोर्ट, हाई कोर्ट और सेंट्रल जेल पर आधारित विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया और नए कानूनों की प्रभावी व्यवस्था का जायजा लिया।




